- स्मार्ट सिटी रैंकिंग में पहले पायदान को बरकरार रखने को करनी होगी कड़ी मशक्कत

- समय से प्रोजेक्ट पूरा करने के साथ ही फंड के खर्च करने पर भी रखनी होगी नजर

आगरा। स्मार्ट सिटी रैंकिंग में भले ही आगरा नंबर वन बन गया हो, लेकिन स्थानीय प्रशासन के सामने चुनौती खत्म नहीं हुई है। सबसे बड़ी चुनौती नंबर वन की पोजिशन को बरकरार रखना है। ऐसे में जरूरी है कि शहर में चल रहे प्रोजेक्ट्स को समय से पूरा किया जाए।

नंबर वन बने रहने के लिए ये करने होंगे काम

- प्रोजेक्ट समय से पूरे करने होंगे।

- जो भी फंडिंग होगी, उसको खर्च कर उपयोगिता प्रमाण-पत्र देना होगा।

- शासन को कार्यो की समय से सूचना देनी होगी।

- सूचना में कोई पेंडेंसी नहीं रहनी चाहिए।

- आपसी को-ऑर्डिनेशन कर एनओसी प्राप्त करना।

- स्मार्ट सिटी के कार्यो को लेकर जिम्मेदारी निर्धारित कर तेजी से प्रोजेक्ट को पूरा करना

-समय-समय पर उनकी मॉनीटरिंग करना।

-तकनीकी कमेटी द्वारा प्रोजेक्ट की तकनीकी दिक्कतों को दूर करना।

-जिन प्रोजेक्ट में दिक्कत आ रही है। उनकी डीपीआर तकनीकी कमेटी को भेजना।

इन प्रयासों ने दिलाई फ‌र्स्ट रैंक

-स्मार्ट सिटी रैंकिंग के प्रोसेस में बदलाव किया गया।

-गत महीनों में स्मार्ट सिटी के अलावा अन्य प्रोजेक्ट को भी इसमें एड कर लिया जाता था। इस बार केवल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की रैंकिंग की गई है।

-स्मार्ट सिटी के 1000 करोड़ के प्रोजेक्ट में 99.9 प्रतिशत वर्क ऑर्डर जारी कर टेंडरिंग कर दी गई।

-जो फंडिंग हुई थी, उसमें 230 करोड़ रुपये खर्च कर उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी कर दिए गए।

- आठ स्थानों पर पब्लिक टॉयलेट का काम पूरा।

-फतेहाबाद रोड पर ऑटोमेटिक टॉयलेट का कार्य पूरा।

-मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटेड 282 करोड़ की लागत से तैयार।

-माइक्रो स्किल डेवलपमेंट सेंटर दो करोड़ से तैयार।

-नगर निगम, ताजगंज के स्कूल का 1.24 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण।

-ताजगंज इंटर कॉलेज में 61 लाख से डिजिटल एजुकेशन का प्रोजेक्ट पूरा।

इनके रिकमंडेशन पर तैयार हुए हैं प्रोजेक्ट

दयालबाग यूनिवर्सिटी के रिकमंडेश पर स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट तैयार किए जा रहे हैं। इसमें 23 प्रोजेक्ट्स पर काम किया जाना है। अभी 19 प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू ही हो सका है। स्मार्ट सिटी के तहत 313 करोड़ का बजट प्राप्त हुआ था, उसमें से 230 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके हैं। बता दें कि स्मार्ट सिटी के कार्यो की गुणवत्ता की जांच की जिम्मेदारी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी को दी गई है।

इनको कमेटी में किया शामिल

राज्य मिशन निदेशक स्मार्ट सिटी

अपर निदेशक क्षेत्रीय नगरीय पर्यावरण

मुख्य अभियंता नगर निगम

स्मार्ट सिटी के वरिष्ठतम अभियंता

आईटी के सीनियर टेक्निकल डायरेक्टर एनआईसी यूपी

मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग

मुख्य अभियंता जल निगम

स्मार्ट सिटी पर नजर

- 1000 करोड़ कुल स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट

- 5 वर्ष में पूरे किए जाने हैं विकास कार्य

- 23 परियोजनाएं तैयार हो चुकी हैं

- 19 परियोजनाएं है स्मार्ट सिटी की

- 313 करोड़ में से 230 हो चुके है खर्च

स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट

माइक्रो स्किल डेवलपमेंट सेंटर

जंक्शन इंप्रूवमेंट सिविल

अपग्रेडेशन नगर निगम स्कूल

नगर निगम हेल्थ सेंटर, जच्चा बच्चा केन्द्र

सेल्फ क्लीनिंग टॉयलेट

ब्यूटीफिकेशन स्ट्रीट स्केपिंग

डेवलपमेंट ऑफ हेरीटेज वॉक

ताज ईस्ट ड्रेनेज

दो किमी। के दायरे में सौंदर्यीकरण

इंप्रूवमेंट ऑफ ट्रेडीशनल हाउस

एमएसआई कंट्रोल सेंटर

आईसीसीसी

आगरा को इसी तरह नंबर वन की पोजीशन पर बनाए रखने के लिए प्रयास जारी रहेंगे। पहले की अपेक्षा प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में और तेजी लाई जाएगी।

आनंद मेनन

प्रोजेक्ट मैनेजर, स्मार्ट सिटी आगरा

Posted By: Inextlive