आईएमए की सीजीपी शाखा की दसवीं वार्षिक सेमिनार का हुआ आयोजन

ALLAHABAD: आजकल विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन डॉक्टरों के लिए रोजाना नई चुनौतियां लेकर आ रहे हैं। चिकित्सा विज्ञान की उन्नति के साथ इलाज एवं जांच की तकनीक भी दिन प्रतिदिन तेजी से बदल रही है। यह कहना था चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। आशुतोष गुप्ता का। रविवार को वह कान्हा श्याम में इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की सीजीपी (कॉलेज ऑफ जनरल प्रैक्टिशनरर) शाखा की दसवीं वार्षिक वैज्ञानिक गोष्ठी का आयोजन में कही। उन्होंने कहा कि इंफेक्शन की पहचान और इलाज में डॉक्टरों को आधुनिक बनाने के लिए देशभर से विख्यात डॉक्टरों को यहां बुलाया गया है।

बीमारियों के इलाज पर हुई चर्चा

सेमिनार में विभिन्न सांस के रोगों के निवारण के लिए व्याख्यानों का आयोजन किया गया। इस दौरान फेमस डॉ। एमके सेन ने कहा कि सांस के मरीजों के लिए नान इनवैजिव वेंटिलेशन उपयोगी पद्धति है। डॉ। यूसी ओझा ने आक्सीजन के सही उपयोग पर चर्चा की। डाक्ॅ अमिता दोसी नेने ने टीबी के इलाज की नई विधियों पर प्रकाश डाला। डॉ। एसके सिंह ने इंफेक्शन बढ़ने की अवस्था के उपचार पर बात की। डॉ। राहुल कटारिया ने ब्लड के अवयव और अंत में तपेदिक को लेकर ग्रुप डिसकसन का आयोजन किया गया। सेमिनार में चार सौ डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। इसके पहले सेमिनार का उदघाटन आइ्रएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्य अतिथि डॉ। अशोक अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन के माध्यम से गंभीर बीमारियों का इलाज सरल हो सकेगा। एएमए अध्यक्ष डॉ। आलोक मिश्रा ने सेमिनार में आए डॉक्टरों का स्वागत किया। सचिव डॉ। त्रिभुवन सिंह ने एएमए की वार्षिक रिपोर्ट पेश की। इस दौरान डॉ। शार्दूल सिंह, डॉ। बीबी अग्रवाल, डॉ। अनिल शुक्ला, डॉ। बीके मिश्रा, डॉ। आरके गुप्ता, डॉ। अमिताव घोष, डॉ। अवनीश सक्सेना, डॉ। राजेश मौर्या आदि उपस्थित रहे। डॉ। आशुतोष गुप्ता सेमिनार के संयोजक सचिव रहे।

Posted By: Inextlive