पानी से राहत, बड़ा खतरा सामने
अब तक आठ हजार मरीज
पिछले एक महीने से राहत शिविरों समेत बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में लगभग आठ हजार मरीजों का चेकअप कर दवाएं बांटी गई हैं. यह संख्या निश्चित तौर पर मायने रखती है. अब जबकि नदियों का पानी घट रहा है तो ये संख्या तेजी से बढ़ सकती है. सबसे ज्यादा आसार डायरिया, पीलिया, कंजक्टवाइटिस, फीवर और स्किन डिजीज आदि बीमारियों के फैलने के हैं. मौके की नजाकत को देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट ने टीमों की संख्या 12 से बढ़ाकर 15 कर दी है. खुद डीएम राजशेखर ने सीडीओ, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट को लेकर कई क्षेत्रों का नाव से दौरा किया. उन्होंने नगर निगम को सफाई व्यवस्था में लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं. इसके अलावा तीन हजार लोगों को पांच किलो आटा, दो किलो चावल व तीन किलो दाल सहित माचिस व मोमबत्ती आदि बांटी गई. नौ घंटे में घटा चौदह सेमी.वेडनसडे को गंगा-यमुना के पानी के घटने की रफ्तार डेढ़ सेमी प्रति घंटा रही. सुबह छह से दोपहर तीन बजे के बीच कुल 14 सेमी. पानी कम हुआ. थर्सडे को इसकी रफ्तार बढऩे की उम्मीद की जा रही है. आपदा प्रबंधन अधिकारी व एडीएम फाइनेंस एसके शर्मा ने बताया कि अगले दो से तीन दिनों में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के हालात सामान्य हो सकते हैं. बीमारियों से बचने के लिए लोगों को पानी में क्लोरीन मिलाकर पीने की हिदायत दी जा रही है.
गंदा पानी पीने को मजबूर लोगछोटा बघाडा, गोविंदपुर, गौसनगर, करेलाबाग, गंगानगर, बेली गांव, दारागंज सहित इलाकों के बाढ़ में फंसे लोगों पर महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है. ये लोग पेयजल नहीं अवेलेबल होने पर नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. हालात यह हैं कि पानी अधिक होने से हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम वहां तक पहुंच नहीं पा रही है. ऐसे में अगर इन इलाकों में महामारी पनपेगी तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. टीमों की संख्या 12 से बढ़ाकर 15 कर दी गई है. अब तक आठ हजार लोगों को दवाएं दी जा चुकी हैं और जैसे-जैसे पानी घट रहा है, एंटी लार्वा स्प्रे कराया जा रहा है. लोगों को नदी का गंदा पानी नहीं पीने की हिदायत दी जा रही है. राहत शिविरों में भी मरीजों की जांच जारी है.डॉ. पदमाकर सिंह, सीएमओबेटे आर्यन के साथ गौसनगर पहुंचे डीएमलंबे समय से राहत के लिए परेशान गौसनगर के बाढ़ पीडि़तों का हाल जानने डीएम राजशेखर वेडनसडे को अपने पांच वर्षीय बेटे आर्यन के साथ पहुंचे. यहां पर उन्होंने लोगों लंच पैकेट और अन्य राहत सामग्री बांटी. मौके पर सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन अनिल कुमार, सरदार जोगिंदर सिंह, सरदार अजीत सिंह आदि मौजूद रहे. इसके अलावा उन्होंने बताया कि जिले में तीस नए राहत शिविर बनाए गए हैं. शहरी क्षेत्र में सौ नाव चलाई जा रही हैं. इसके अलावा अरैल बांध व सलोरी एसटीपी बांध को पक्का बनाए जाने की बात भी उन्होंने कही.
नदियों का जलस्तरसुबह छह बजेफाफामऊ- 86.410 मीटरछतनाग- 85.670 मीटरनैनी- 86.220 मीटर दोपहर तीन बजे फाफामऊ- 86.275 मीटरछतनाग- 85.580 मीटरनैनी- 86.080 मीटर