लोहरदगा: भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के हथियारबंद दस्ते ने गुरुवार को किस्को थाना क्षेत्र के चांपी बाक्साइट माइंस में जमकर तांडव मचाया। महज आधे घंटे के अंतराल में नक्सलियों ने वाहन व उपकरण फूंककर चले गए। इससे लगभग दो करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। माइंस में मौजूद किसी भी कर्मचारी या मजदूर की हिम्मत नहीं हुई कि वह वाहनों में लगी आग को बुझा सके। सभी मूकदर्शक बनकर नक्सलियों का तांडव देख रहे थे। इस वारदात के बाद चांपी माइंस में बाक्साइट उत्खनन एवं परिवहन कार्य ठप पड़ गया।

माओवादी का बाल दस्ता था सक्रिय

भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के हथियारबंद दस्ते में नक्सलियों का बाल दस्ता भी सक्रिय था। नक्सली पूरी तरह से घटना को अंजाम देने की योजना तैयार कर चांपी माइंस पहुंचे थे। इस बात का पता इसी से चलता है कि माओवादी का बाल दस्ता अपने साथ माइंस में वाहनों को जलाने के लिए गैलन में डीजल व पेट्रोल लेकर आए थे। साथ ही माइंस में खड़े ट्रकों के टैंक से डीजल निकालकर बारी-बारी से वाहनों में छिड़काव की आग लगा दी। आगजनी की इस घटना को बाल दस्ता ने बखूबी अंजाम दिया।

मटका चलाने वाले अरेस्ट लोगों भेजा गया जेल

RANCHI : सुखदेवनगर थाने में गिरफ्तार मटका कारोबारियों से पूछताछ की गई। थर्सडे को उन्हें जेल भेज दिया गया है। सुखदेवनगर थाना के एसआई ने बताया कि पूछताछ में अरेस्ट लोगों ने कई खुलासे किए है। साथ ही कई ठिकानों पर उसी आधार पर छापेमारी की जा रही है और लोगों की धर पकड़ जारी है। सीनियर अधिकारियों ने इस मामले में विभागीय जांच के भी आदेश दिए है।

सुखदेवनगर और डोरंडा में चला था अभियान

वेडनसडे को रांची पुलिस ने डोरंडा और सुखदेवनगर इलाके में मटका चलानेवालों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया था और क्फ् लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें मटका किंग विजय सिंह, रवि शर्मा और सूरज शामिल थे। अरेस्ट किए गए लोगों की माने तो इस कारोबार को कई बड़े लोगों का भी साथ मिला हुआ है।

सिटी में फैला है मटका का कारोबार

सिटी के लगभग 70-80 जगहों पर मटका का खेल होता है। एक मटका काउंटर से करीब 70 हजार का बिजनेस हर दिन होता है। रातू रोड, पिस्का मोड़, अपर बाजार, डोरंडा सुखदेवनगर, कांटाटोली, गाड़ीखाना, किशोरगंज में हर दिन सैंकड़ों लोग कंगाल होते है तो कईयों की लौटरी लग जाती है। पुलिस ने कई बार इस धंधे को बंद कराने की कोशिश की। कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। लेकिन कुछ दिन शांत रहने के बाद मटका चलाने वाले फिर एक्टिव हो जाते है। पुलिस भी कहीं न कहीं इसके लिए रिस्पांसिबल है।

Posted By: Inextlive