-गलन में बढ़े हार्ट अटैक के तीस फीसदी तक चांसेज

-जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी, लगातार जा रही जानें

ALLAHABAD:

केस वन: चित्रकूट निवासी दरोगा धीरज प्रसाद (58) गुरुवार सुबह सीने में दर्द होने से मौत हो गई। वह सुबह पांच बजे शौच के लिए गए थे। बताया जाता है कि पूरा शरीर ठंड से कांपने लगा और सीने में तेज दर्द हुआ। निजी हॉस्पिटल पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई।

एग्जाम्पल टू: मेजा निवासी जगतधारी केसरवानी (55) की तीन जनवरी को माघ मेले में ठंड लगने से मौत हो गई। बताया जाता है कि अचानक तबियत अधिक खराब हो गई और वह अचेत हो गए। पत्नी और बेटा जब तक हॉस्पिटल लाते उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मौत संभवत: हार्ट अटैक से हुई।

यह दोनों घटनाएं दिखाने महज बानगी हैं। इस ठंड में अगर दिल के मरीज समय रहते नहीं संभले तो गलन के साथ चलने वाली तेज हवाएं बीमारी का कारण बन सकती हैं। लगातार पारा गिरने से हार्ट अटैक के चांसेज भी बढ़ गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना अधिक जरूरी है। खासकर उन लोगों को जिनको दिल से जुड़ी समस्याएं बनी रहती हैं। ऐसे में डॉक्टर के संपर्क रहना खुद को सुरक्षित रखना होगा।

इसलिए बढ़ जाती है दिक्कत

विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दियों में रक्त वाहिनियां सिकुड़ जाती हैं। इसका असर हृदय को खून पहुंचाने वाली धमनी पर भी पड़ता है। इससे बचने के लिए ज्यादा ठंडे माहौल में जाने से बचना चाहिए। यदि ठंड में बाहर निकलें तो अच्छी तरह से ऊनी वस्त्र पहनकर और सिर में भी टोपी आदि लगाकर निकलें।

खतरे से बचाएंगे यह टिप्स

-ज्यादा फैट वाली चीजें ना खाएं और सिगरेट, शराब आदि का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।

-कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखें।

-सुबह-शाम 3-4 किमी सैर जरूर करें।

-नमक का सेवन कम करें।

-मक्खन व घी का प्रयोग भी सीमित मात्रा में करें।

-तनाव से दूरी बनाकर रखें।

-गुनगुनी धूप का आनंद लें लेकिन सिर को अधिक तपने ना दें।

-ताजा सब्जियां और दलिया का सेवन करें।

-मीठा अधिक खाने से बचें। थोड़ा-थोड़ा व्यायाम जरूर करें।

-मॉर्निग में दिन निकलने के बाद और शाम को दिन डूबने से पहले वॉक करें।

-ठंड होने के बावजूद पानी जरूर पिएं।

-अस्थमा, ब्लड प्रेशर और हार्ट पेशेंट को अपनी दवा टाइम से लेनी चाहिए।

रोजाना भर्ती हो रहे हैं एक दर्जन मरीज

एसआरएन हॉस्पिटल की ओपीडी में हार्ट के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। प्रतिदिन जहां लगभग सौ मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं वहीं भर्ती मरीजों की संख्या 10 से 12 पहुंच चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक के चांसेज भी तीस फीसदी तक बढ़ जाते हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते मरीज आ जाता है तो उसकी जान बचाई जा सकती है।

ठंड में लक्षणों से रहिए होशियार

सीने में जरा सी भी बेचैनी, पसीना, जबड़े, गर्दन, बाजू और कंधों में दर्द, सांस का टूटना आदि लक्षण होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

वर्जन

ठंड के मौसम में हार्ट के मरीजों के लिए खतरा बढ़ जाता है। सीरियस मरीजों की मौत भी हो सकती है। इसलिए सावधानी बरते और जरूरत पड़ने पर जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर के पास पहुंचकर इलाज कराएं।

-डॉ। पीयूष सक्सेना, कार्डियोलाजिस्ट, एसआरएन हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive