भारत के दूसरे मून मिशन चंद्रयान -2 का प्रक्षेपण तकनीकी खराबी के कारण साेमवार सुबह नहीं हो सका। अब इसरो द्वारा इसकी अगली तारीख की घोषणा की जाएगी।


श्रीहरिकोटा (पीटीआई)। देश के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 की लाॅन्चिंग का अब कुछ दिनों के लिए इंतजार करना होगा। भारतीय अंतरिक्ष संगठन (ISRO) कहा कहना है कि देश के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी-एमके 3 से लॉन्च किए जाने की तैयारियां पूरी थी। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद भी इस हिस्टोरिकल लॉन्चिंग का गवाह बनने के लिए श्रीहरिकोटा पहुंचे थे। यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार को 2.51 बजे चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होना था। नई तारीख का ऐलान जल्द ही किया जाएगा


हालांकि चंद्रयान-2 की रवानगी के लिए हो रही उल्टी गिनती प्रक्षेपण से 56 मिनट 44 सेकंड पहले यानी कि 1.55 बजे रोक दी गई।इसरो के एसोसिएट डायरेक्टर (पब्लिक रिलेशंस) बी आर गुरुप्रसाद ने कहा, लॉन्च व्हीकल सिस्टम में तकनीकी खराबी से एहतियात के तौर पर इसे रोक दिया गया है इसरो के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि तकनीकी खराबी की वजह से लॉन्चिंग को टाला जा रहा है। लॉन्चिंग विंडो के अंदर लॉन्च करना संभव नहीं है। लॉन्चिंग की नई तारीख का ऐलान जल्द ही किया जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने पहले लॉन्चिंग की तारीख जनवरी के पहले सप्ताह में रखी थी लेकिन बाद में 15 जुलाई कर दिया था।

Chandrayaan 2 : मून मिशन का काउंटडाउन शुरू, राॅकेट 'बाहुबली' इतिहास रचने को तैयारChandrayaan 2 : जानें मून मिशन की Super-30 महिलाओं के बारे मेंचंद्रयान -1 के 11 साल बाद चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान को अपने साथ एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर लेकर जाना था। बता दें कि इस इस मून मिशन की रविवार तड़के 6.51 बजे उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। 44 मीटर लंबा 640 टन का जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय) एक हिट फिल्म के हीरो की तरह सीधा खड़ा था। इस रॉकेट में 3,850 टन का चंद्रयान अंतरिक्ष यान है। रॉकेट को 'बाहुबली' उपनाम दिया गया है। चंद्रयान -2 को इसरो के पहले सफल मून मिशन चंद्रयान -1 के करीब 11 साल बाद किया जा रहा है।

Posted By: Shweta Mishra