अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने विक्रम लैंडर को ढूंढ निकाला है। बता दें विक्रम लैंडर के साॅफ्ट लैंडिंग से पहले इसरो से उसका संपर्क टूट गया था जिसके बाद से लैंडर की तलाश जारी थी।

वाशिंगटन (एएफपी)। नासा के एक उपग्रह ने चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए भारत के विक्रम लैंडर को ढूंढ निकाला है। जो सितंबर में चंद्र सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। नासा ने अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) द्वारा ली गई एक तस्वीर जारी की जिसमें अंतरिक्ष यान के प्रभाव की साइट (भारत में 6 सितंबर और अमेरिका में 7 सितंबर) और संबंधित मलबे के क्षेत्र को दिखाया गया है, जिसमें कई किलोमीटर तक फैले लगभग एक दर्जन से अधिक स्थानों पर टुकड़े बिखरे हुए हैं।

The #Chandrayaan2 Vikram lander has been found by our @NASAMoon mission, the Lunar Reconnaissance Orbiter. See the first mosaic of the impact site https://t.co/GA3JspCNuh pic.twitter.com/jaW5a63sAf

— NASA (@NASA) December 2, 2019


सामने आई तस्वीर में दिखा लैंडर का मलबा

नासा ने एक बयान जारी करते हुए कहा, उसने 26 सितंबर को साइट की एक मोजेक तस्वीर जारी की थी जिसके बाद लोगों को लैंडर के संकेतों की खोज करने के लिए आमंत्रित किया। इसमें कहा गया है कि षणमुग सुब्रमणयन नाम के एक व्यक्ति ने मलबे की एक सकारात्मक पहचान के साथ एलआरओ परियोजना से संपर्क किया, बाद में पता चला कि विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग से लगभग 750 मीटर उत्तर पश्चिम में पहला टुकड़ा मिला। नासा ने जो तस्वीर जारी की है उसमें उसने संकेतों के माध्यम से बताया है कि लैंडर के टुकड़े कहां-कहां तक फैले।

17 सितंबर को भी चांद के ऊपर से गुजरा था एलआरओ

बता दें की इससे पहले नासा का एलआरओ 17 सितंबर को विक्रम के लैंडिंग स्थल के ऊपर पर से गुजरा था और उसने उस इलाके की कुछ अच्छी तस्वीरें भी निकाली थीं। हालांकि, तब भी वह एलआरओ के कैमरे से उस जगह पर विक्रम लैंडर की तस्वीर निकालने में नाकाम रहा। नासा ने तब कहा, 'जब लैंडिंग क्षेत्र से हमारा ऑर्बिटर गुजरा तो वहां काफी अंधेरा था, इसलिए ज्यादातर भाग छाया में छिप गया। तब उम्मीद की गई थी कि विक्रम लैंडर छाया में ही छिपा हुआ है। हालांकि बाद में एलआरओ नवंबर में फिर से वहां से गुजरा और उसने रोशनी में यह तस्वीरें खींची।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari