Chandrayaan 2 के सफल प्रक्षेपण के बाद से इसरो लगातार इस पर निगाह बनाए है। इसरो ने बुधवार को ट्वीट किया है कि यह स्‍पेसक्राफ्ट चंद्रमा पर 20 अगस्त 2019 तक पहुंचने वाला है।

कानपुर। Chandrayaan 2 का हाल ही में बीते सोमवार को सफल प्रक्षेपण किया गया है।  भारत के इस दूसरे मून मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) लगातार इस पर निगाह बनाए है। अभी तक मून मिशन चंद्रयान-2 अपनी सही दिशा में चल रहा है। वहीं चंद्रयान-2 को लेकर इसरो ने बुधवार को एक ट्वीट करके जानकारी दी है कि चंद्रयान-2 स्पेसक्राफ्ट (अंतरिक्ष यान) के लिए धरती से संचालित होने वाला ऑपरेशन आज शुरु करने की योजना है। यह स्पेसक्राफ्ट 20 अगस्त को चांद पर पहुंचेगा।

Earth bound maneuvers for #Chandrayaan2 spacecraft are planned to be executed from today onwards.
The spacecraft is scheduled to reach Moon by Aug 20,2019#ISRO pic.twitter.com/oKqClljzrc

— ISRO (@isro) July 24, 2019

चंद्रयान -2 भारत का दूसरा मून मिशन
बता दें कि 22 जुलाई को भारत का स्वदेशी मून मिशन चंद्रयान -2 को दोपहर 2.43 बजे आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया किया गया है।  चंद्रयान -1 के बाद यह भारत का दूसरा मून मिशन है। चंद्रयान-2 के तीन अंग हैं। एक ऑर्बिटर, लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान है जो चंद्रमा तक जाएंगे। ऑर्बिटर चांद की कक्षा में चक्कर लगाएगा और उसके सतह की जानकारी हासिल करेगा। इसका कार्यकाल एक साल का होगा। इसमें 8 पेलोड लगे हैं जो आंकड़े एकत्र कर पृथ्वी पर भेजेंगे।

pic.twitter.com/UQfoAFbTx6

— ISRO (@isro) July 22, 2019
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तकनीकी खराबी से नहीं हो पाया था लाॅन्च

चंद्रयान-2 के दूसरे हिस्से में लैंडर विक्रम है, जिसमें 3 पेलोड फिट किए गए हैं। इसका कार्यकाल एक चंद्र दिवस यानी 14 दिनों का होगा। विक्रम के अंदर से रोवर प्रज्ञान निकल कर चांद की सतह पर उतरेगा। इसमें 2 पेलोड फिट किया गया है। प्रज्ञान का कार्यकाल भी एक चंद्र दिवस का होगा। यह 500 मीटर की दूरी तक चल सकेगा और चांद की मिट्टी तथा सतह की अन्य जानकारियां मिशन के वैज्ञानिकों तक भेजेगा। चंद्रयान -2 पहले 15 जुलाई को लाॅन्च होना था लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से नहीं हो पाया था।

 

 

Posted By: Shweta Mishra