Chandrayaan 3 : भारत का चंद्रयान 3 बस कुछ घंटे में चंद्रमा पर करेगा लैंड, जानें क्यों रूस का लूना-25 चांद पर हुआ क्रैश
नई दिल्ली (एएनआई)। Chandrayaan 3 : चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को घोषणा की कि चंद्रयान 3 रविवार के शुरुआती घंटों में दूसरे और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन से गुजरा और लैंडर 23 अगस्त, 2023 को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। सफलता पूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग के लिए देश पर भर में लोग प्रार्थना व पूजा-अर्चना कर रहे हैं। वहीं इस संबंध में अंतरिक्ष रणनीतिकार पी के घोष ने रविवार को इसमें आने वाली चुनाैतियों को लेकर बात की। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि चंद्रयान 3 को चंद्रमा की सतह पर उतारने में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक अंतरिक्ष यान को हाॅरिजेंटल से वर्टिकल पोजीशन में लाना है। सभी पहलुओं पर गौर करना होगा।
6000 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक गति से यात्रा
इसके साथ ही डीबूस्टिंग की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए पीके घोष ने कहा कि डीबूस्टिंग या रेट्रो फायरिंग अंतरिक्ष यान को उसकी गति कम करने में सक्षम बनाने की एक प्रक्रिया है। यह 6000 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से यात्रा कर रहा है और फिर इसे शून्य के करीब, लगभग 1 मीटर/सेकंड तक कम करना होगा। भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने अपनी चंद्र खोज में एक बड़ी छलांग लगाई, क्योंकि अंतरिक्ष यान का 'विक्रम' लैंडर मॉड्यूल गुरुवार को प्रोपलूशन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया, और बाद में महत्वपूर्ण डीबूस्टिंग से गुजरकर थोड़ी निचली कक्षा में उतर गया। रूस का लूना-25 मिशन चांद पर क्रैश हो गया वहीं बतादें कि रूस का लूना-25 मिशन चांद पर क्रैश हो गया है। रूस के चंद्रमा मिशन की विफलता पर बोलते हुए पीके घोष ने कहा कि इससे पता चलता है कि अंतरिक्ष अन्वेषण में किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेना चाहिए। छोटी से छोटी कोई भी चीज अगर गलत हो जाए तो अनर्थ का कारण बन सकती है।पहले उन्होंने कहा था कि वे 23 अगस्त को उतरेंगे। फिर मुझे लगता है कि उन्होंने इसमें तेजी ला दी और फिर वह 21 अगस्त था। इसमें कुछ गलत हो गया। रूस का चंद्रमा मिशन उसके लूना-25 अंतरिक्ष यान के नियंत्रण से बाहर हो जाने और चंद्रमा से टकराने के बाद फेल हो गया।