-भारत चुनाव आयोग के प्रतिनिधियों ने साझा किए आई नेक्स्ट से अनुभव

-प्रशिक्षण का उद्देश्य चुनाव के दौरान आमजन को न हो परेशानी

Meerut : 'इलेक्शन इज द फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी.' नजरिया बेहद बदला और सरकारों की मंशा भी। एक समय वो होता था जब सिर पर काला कपड़ा बांधकर विशेष सुरक्षाबलों के जवान हाथों में गन लेकर फर्राटा भरती गाडि़यों में मतदान के दौरान गश्त करते थे। आज अधिकारी वोटिंग की लाइन में लगे मतदाता को गुलाब का फूल भेंट करते हैं, उसे (मतदाता) उसके मौलिक अधिकार के बारे में बताते हैं। वर्कशॉप के अंतिम दिन भारत निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधियों ने आई नेक्स्ट से अपने अनुभवों को साझा किया और मेरठ के अधिकारियों की तारीफ की।

नो कंट्रोल, नो प्रेशर

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नामित बंगलुरु की संस्था द ट्रेनिंग पीपल के प्रतिनिधि ऐंजल जेके ने बताया कि इलेक्शन को सेलिब्रेशन बनाने की दिशा में चुनाव आयोग काम कर रहा है। वोटर को न कंट्रोल करना है और न ही प्रेशर करना है। एक फेस्टिवल जैसा अहसास उसे वोटिंग के दौरान कराना है। ट्रेनर (पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों) को ट्रेनिंग के पीछे आयोग की मंशा है कि वोटर के साथ हम्बली, पोलाइट, प्लीसेंट, डीसेंट, कम्फर्ड वे में पेश आएं। मैन मैनेजमेंट, ह्यूमन रिलेशन पब्लिक के साथ डेवलेप करना है। पब्लिक साइकोलॉजी को समझकर सामान्य तरीके से पब्लिक को मैनेज करना इस वर्कशॉप का उद्देश्य है।

हाउ मैनेज क्राइसेस?

वर्कशॉप में क्राइसेस मैनेजमेंट के बारे में विस्तार से बताया गया। प्रतिनिधि ने कहा कि किसी भी क्राइसेस के दौरान अधिकारियों को पब्लिक के साथ कैसे पेश आना है, इसके लिए चुनाव आयोग ने गाइडलाइन फिक्स की है। प्राब्लम को हैंडेल करने से शार्टआउट करने तक अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है, इस दौरान न तो आपा खोना है और न ही अधीनस्थ को खोने देना है। मेरठ के अधिकारियों के साथ अनुभवों को उन्होंने बेहतर बताया।

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तैयारियां तेज, फरवरी में ही होंगे चुनाव

आई फालोअप

-यूपी बोर्ड की डेट्स पर चुनाव आयोग की रोक के बाद हटी धुंध

-जनप्रतिनिधियों की ओर से आई शिकायतों को किया संशोधित

मेरठ: यूपी बोर्ड परीक्षा की तिथि पर पर भारत निर्वाचन आयोग की रोक के बाद यूपी में विधानसभा चुनाव फरवरी में ही होंगे ऐसी संभावनाएं पुष्ट होती नजर आ रही है। निर्वाचन विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं तो वहीं अगले सप्ताह तक चुनाव की तिथि घोषित होने की चर्चाएं भी हैं।

फरवरी में चुनाव की उम्मीद

तमाम अटकलों के बाद फरवरी में यूपी में विधानसभा चुनाव 2017 पर सहमति बनती नजर आ रही है। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है किंतु तैयारियों को देखकर संभावनाएं प्रबल हैं कि चुनाव फरवरी अंत तक होंगे। यूपी बोर्ड की परीक्षा तिथि को टालने के बाद जहां शुक्रवार शाम तक रुख स्पष्ट नहीं हो पाया था तो वहीं भारत निर्वाचन आयोग की ओर से भी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। गौरतलब है कि गुरुवार को बिना जानकारी में लिए यूपी बोर्ड की परीक्षा तिथि घोषित करने पर चुनाव आयोग ने यूपी के मुख्य चुनाव आयुक्त एवं बोर्ड अधिकारियों को तलब किया है।

तैयारियां तेज

उप चुनाव अधिकारी एवं एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्र ने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हैं। सभी विधानसभाओं में वोटर लिस्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। कुछ राजनैतिक दलों, जनसामान्य की ओर से मतदेय स्थलों को लेकर शिकायत एवं आपत्ति थी। सभी आपत्तियों का परीक्षण कर संशोधन के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजे गए हैं। निस्तारण कर दिया गया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समय-समय पर निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारियों को लेकर ब्रीफ कर रहा है। वहंी भारत निर्वाचन आयोग से नामित प्रतिनिधि ने शनिवार अंतिम दिन नोडल अधिकारियों और पुलिस अफसरों (ट्रेनर) को ट्रेनिंग दी। बता दें कि मेरठ में कुल मतदाता करीब 25 लाख हैं।

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विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हैं। 15 दिसंबर को लखनऊ में चुनाव आयोग की बैठक है। बैठक में चुनाव की तिथि के संबंध में परिचर्चा होगी तो वहीं तैयारियों की समीक्षा भी होगी।

दिनेश चंद्र, एडीएम प्रशासन

Posted By: Inextlive