संकट में शस्त्र की 'विरासत'
- आई एक्सक्लूसिव
अब अपनी इच्छानुसार वारिस को असलहा सौंपना नहीं होगा आसान सरकार ने बदले नियम, 17 अक्टूबर के बाद आवेदन करने वाले परेशान vineet.tiwari@inext.co.in ALLAHABAD: विरासत के नाम पर लाइसेंस लेने वालों के लिए नए नियम सिरदर्द साबित हो रहे हैं। हाईकोर्ट द्वारा नए लाइसेंस पर रोक लगाए जाने के बाद लोगों में विरासत में लाइसेंस लेने की होड़ लग गई थी। सैकड़ों की संख्या में हर महीने फाइलें अधिकारियों की टेबल पर पहुंच रही थीं, जिन्हें फाइनल करना मजबूरी बन चुका था। इसकी भनक लगने के बाद गवर्नमेंट ने विरासत लाइसेंस जारी करने के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया, जिसके बाद नए आवेदकों में हड़कंप मचा हुआ है। ढाई महीने में तीन सौ लाइसेंसतकरीबन तीन साल पहले हाईकोर्ट ने नए लाइसेंस लेने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कहा गया कि जान-माल की हानि होने की परिस्थिति में विशेष तौर पर ही नए शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस आदेश के बाद अब तक बमुश्किल 25 नए लाइसेंस ही जारी हो पाए हैं। लेकिन, इसकी जगह विरासत के शस्त्र लाइसेंस जारी करवाने वालों की लाइन लगने लगी। आवेदन करने के बाद साम, दाम, दंड और भेद अपनाकर लोग अपनी फाइलें पास कराने में लग गए। जिले में पिछले ढाई महीनों में तीन सौ के आसपास विरासत लाइसेंस जारी किए गए हैं। बताया जाता है कि अभी भी तकरीबन सौ विरासत लाइसेंस पेंडिंग पड़े हैं।
17 अक्टूबर से नियमों में बदलाव इस साल 17 अक्टूबर के बाद से विरासत शस्त्र लाइसेंस का आवेदन करने वालों को अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नए नियमों के मुताबिक नए फार्मेट में आवेदन करना होगा। इसमें कोई भी शस्त्र लाइसेंस धारक 70 वर्ष की आयु होने के बाद ही अपनी संतान को विरासत में असलहा दे पाएगा। 70 साल के पहले विरासत करने की छूट तभी मिलेगी जब व्यक्ति के पास असलहा 27 साल से अधिक समय से हो। नियमों में कड़े बदलाव के बाद आने वाले आवेदनों की संख्या में बड़ी गिरावट हुई है। क्यों आ गई थी आवेदन की बाढ़इसी साल नए लाइसेंस के लिए आवेदन करने में सरकार द्वारा कड़े बदलाव किए जाने के बाद विरासत के लाइसेंस के आवेदनों की बाढ़ सी आ गई थी। जिसके तहत बंदूक, रिवाल्वर और पिस्टल के लाइसेंस बनवाने वालों को अब स्टांप ड्यूटी के रूप में सरकार को शुल्क चुकाना पड़ेगा। इन आदेशों के मुताबिक लाइसेंस के मान से स्टांप लगाने के बाद ही उन्हें लाइसेंस जारी किया जा सकेगा। नवीनीकरण के लिए भी सरकार द्वारा तय शुल्क स्टांप ड्यूटी के रूप में देना अनिवार्य कर दिया गया था। ऐसे में स्टांप ड्यूटी के नाम पर तय किया गया शुल्क पुराने दो सौ रुपए की जगह सीधे पांच हजार तक पहुंच गया है। हालांकि, यूपी में कोर्ट के आदेश के चलते नए लाइसेंस जारी होने में आवेदकों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है।
नए नियम लागू होने के बाद विरासत के लाइसेंस जारी करना आसान नहीं रह गया है। 17 अक्टूबर के पहले के आवेदनों को तेजी से निपटाया गया है। अभी भी कई फाइलें पेंडिंग पड़ी हैं। नए लाइसेंस में कोर्ट के आदेश के चलते लंबे समय से रोक लगी हुई है। अम्बरीश श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट शस्त्र की विरासत के नए नियम लाइसेंस धारक की उम्र 70 साल से कम नहीं होनी चाहिए या फिर लाइसेंस धारक के पास 27 साल से अधिक समय से असलहा हो शस्त्र की विरासत का नया नियम 17 अक्टूबर से हो गया है प्रभावी जनपद में 45 हजार से अधिक हैं शस्त्र लाइसेंस धारक