बदला मौसम का मिजाज, ठंड ने किया परेशान
- गलन बढ़ने से हुई मुसीबत, मैक्सिमम और मिनिमम डाउन
- हल्के में न लें मौसम का रुख, बना सकता है बीमारGORAKHPUR: मौसम की उठापटक का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इन दिनों लगातार सर्द हो रही रातों से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इन सबके बीच दिन में धूप और शाम में सर्द हवाओं ने मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी है। मंगलवार को मौसम के तेवर में काफी बदलाव भी देखने को मिला। सोमवार शाम से ही सर्द हवाएं चलनी शुरू हो गई, जो मंगलवार सुबह भी चलती रहीं। इसकी वजह से धूप के बाद भी गलन महसूस हुई। हालत यह है कि मौसम के बदले रुख और मौसम की यह उठा-पटक लोग झेल नहीं पा रहे हैं, इसकी वजह से वह बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। आने वाले दिनों की बात करें तो टेंप्रेचर में अब लगातार गिरावट दर्ज होगी और यह लोगों की मुश्किलें और बढ़ाएगा।
14 डिग्री से नीचे आया मिनिमममौसम के तेवर लगातार बदल रहे हैं। ठंड में धीरे-धीरे इजाफा भी हो रहा है। मौसम के इस रुख की वजह से पारे में भी गिरावट देखने को मिल रही है। मंगलवार को मैक्सिमम टेंप्रेचर लुढ़कर 13.9 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। मिनिमम टेंप्रेचर भी 26.4 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया गया। जिम्मेदारों की मानें तो आने वाले दिनों में भी मौसम का रुख यूं ही बना रहेगा। टेंप्रेचर में भी कोई खास फर्क नहीं आएगा। मैक्सिमम और मिनिमम में एक-दो डिग्री सेल्सियस डिफरेंस हो सकता है।
टेंप्रेचर डिफरेंस बढ़ा सकता है परेशानी मौसम की उठा-पटक का असर भी गोरखपुराइट्स पर पिछले कुछ दिनों से साफ नजर आ रहा है। सुबह और शाम के टेंप्रेचर चेंज की वजह से बच्चे-बूढे़ लोगों के साथ ही दमा और कार्डिएक पेशेंट्स की परेशानी बढ़ गई। एटमॉस्फियर में पॉल्युशन पार्टिकिल्स के साथ ही ओस और हवा लोगों पर एक साथ हमला कर रही है, जिसकी वजह से सांस लेने की प्रॉब्लम के साथ ही गला चोक, दम घुटने जैसे कई केसेज सामने आ रहे हैं। जिसे दिखाने के लिए अस्पतालों के बाहर लोग कतार में लगे हुए हैं। वायरस का घर बनी ह्यूमन बॉडीमौसम का मौजूदा हाल पेशेंट्स के लिए तो काफी खतरनाक है। जो बीमार नहीं हैं, उन्हें भी इसे हलके में नहीं लेना चाहिए। मौसम का मिजाज लगातार चेंज हो रहा है, ऐसे चेंज से वायरस काफी तेजी से बढ़ गई है। इस ग्रोथ में ह्यूमन बॉडी एक वेक्टर के तौर पर वर्क करने लगती है। बाहर के टेंप्रेचर को मेनटेन करने के लिए वाइरस ह्यूमन बॉडी का इस्तेमाल करते हैं और अपनी लाइफ स्टाइल को मेनटेन करते हैं। मगर लगातार बदल रहे टेंप्रेचर में बॉडी खुद टेंप्रेचर मेनटेन करने में नाकाम है, जिसकी वजह से लोग लगातार बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
क्या बरतें सावधानी - पूरे शरीर को ढंक कर चलें जिससे म्वाइस्ट एयर न कॉन्टैक्ट होने पाए - धूप निकलना शुरू न हो जाए तब तक बाहर निकलना अवाइड करें। - ढके बदन और नाक मुंह पर कपड़ा बांधकर ही वॉकिंग के लिए जाएं। - सिर पर टोपी लगाएं। - शाम को दिन डूबने के बाद भी फुल स्लीव्ज के कपड़े और टोपी का इस्तेमाल करें - गाड़ी चलाते वक्त हेलमेट पहने जिससे दोनों ही कंडीशन में बचा जा सके। - कोई प्रॉब्लम हो रही है, तो चिकित्सक की सलाह लें। - बच्चों को खुले में न टहलाएं और कवर किए रहे। टेंप्रेचर में यह उठापटक जारी रहेगी। अब मैक्सिमम और मिनिमम दोनों ही टेंप्रेचर में गिरावट दर्ज होगी। आने वाले दिनों में सर्दी और बढ़ेगी, धूप की तपिश कम होती जाएगी। सुबह और देर शाम को कोहरा भी रहेगा। - जेपी गुप्ता, रीजनल डायरेक्टर, आईएमडी लखनऊटेंप्रेचर चेंज होने की वजह से पेशेंट्स की तादाद काफी बढ़ी है। मौसम का जिस तरह से रुख है, इसमें जरा सी भी लापरवाही बीमार बना सकती है। बाहर निकलते वक्त स्वैटर और जैकेट तो पहने ही, साथ ही सर को भी ढंक कर चलें। वहीं कोई भी बीमारी हो तो खुद दवा लेने के बजाए डॉक्टर्स की सलाह के बाद ही मेडीटेशन लें।
- डॉ। संदीप श्रीवास्तव, फिजिशियन