Char Dham Yatra 2023: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम चार धाम यात्रा 2023 की तैयारी कर रहे हैं। चार धाम यात्रा अगले चार महीनों में शुरू होगी। सरकार का फोकस इस बात पर होगा कि यात्रा भव्य तरीके से की जाए।


देहरादून (एएनआई)। Char Dham Yatra 2023: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि हर साल होने वाली सबसे पवित्र चार धाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, 'बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख का ऐलान हो गया है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 27 अप्रैल की सुबह खुलेंगे। अब सरकार का फोकस इस बात पर होगा कि यात्रा भव्य तरीके से आयोजित की जाए। सीएम धामी ने कहा कि 2022 में चार धाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया था और इस साल भी यह रिकार्ड दर्ज होगा। सरकार तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने की मंशा के तहत काम कर रही है। चार धाम यात्रा शुरू होने में महज 100 दिन बचे
सीएम ने कहा, "इस साल हम पहले से तैयारी कर रहे हैं। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान पर भी काम चल रहा है। हमें श्रद्धालुओं को काफी सुविधाएं देनी हैं और उनकी यात्रा को सुरक्षित, आसान और आरामदायक बनाना है। हम बाबा बद्री विशाल के आशीर्वाद से इस दिशा में काम करेंगे। चार धाम यात्रा शुरू होने में महज 100 दिन शेष रह गए हैं। इस साल हमारी यात्रा रिकॉर्ड तोड़ होगी और हम इसके लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं। जोशीमठ में 70 प्रतिशत सामान्य स्थिति लौट आईउत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जोशीमठ को लेकर कहा कि यहां 70 प्रतिशत सामान्य स्थिति लौट आई है। अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सरकार यात्रा शुरू होने से 15 दिन पहले इसकी तैयारियों की समीक्षा करेगी क्योंकि जोशीमठ यात्रा के प्रवेश द्वार पर स्थित है और बद्रीनाथ से पहले अंतिम प्रमुख पड़ाव है। इसलिए अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों की समीक्षा करेंगे कि भूमि धंसने का मुद्दा यात्रा को प्रभावित न करे। चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक बद्रीनाथ धाम परंपरा के अनुसार, बसंत पंचमी के अवसर पर तत्कालीन टिहरी शाही महल में आयोजित एक धार्मिक समारोह में प्रसिद्ध मंदिर के उद्घाटन का समय और तारीख तय की गई। बद्रीनाथ धाम चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिसे 'चार धाम' कहा जाता है जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ भी शामिल हैं। यह उत्तराखंड के बद्रीनाथ में है। हर साल छह महीने (अप्रैल के अंत और नवंबर की शुरुआत) के लिए खुला रहता है।

Posted By: Shweta Mishra