चारबाग जंक्शन की सुरक्षा भगवान भरोसे

- बिना टिकट के किसी भी प्लेटफार्म पर पहुंच सकता है कोई भी

LUCKNOW

उरी में हुई आतंकवादी घटना और उसके बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से देश में एलर्ट जारी किया गया है। सभी जगहों पर कड़ी सुरक्षा अपनाए जाने के निर्देश दिए गए है। रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों को सुरक्षा के लिए जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारियों को भी सावधानी बरतने को कहा गया है। लेकिन चारबाग स्टेशन पर ना तो सुरक्षा की कोई व्यवस्था और ना ही इसको लेकर अधिकारी सतर्क है। सभी व्यवस्थाएं राम भरोसे ही चल रही हैं। कहने को यहां पर सीसीटीवी कैमरे से लेकर डॉग स्कवॉयड भी है। कैमरे जहां खराब पड़े हैं वहीं डॉग स्कवायड वीआईपी डयूटी पर भेज दिया गया है। यह हाल तब जब चारबाग जंकशन से रोजाना एक लाख से अधिक यात्रियों को आना-जाना है।

- कोई भी आसानी से पहुंच सकता है किसी भी प्लेटफार्म पर

चारबाग रेलवे स्टेशन के किसी भी प्लेटफार्म पर यात्रियों की सुरक्षा कोई गारंटी नहीं है। प्लेटफार्म टिकट लेकर कोई भी अंदर तक पहुंच सकता है। सबसे खास बात यह है कि चारबाग जंक्शन तक पहुंचने के लिए कई रास्ते मौजूद है जहां से बिना टिकट ही अंदर पहुंचा जा सकता है। प्लेटफार्म नम्बर और आठ और नौ पर जाने के लिए गेट हमेशा खुला रहता है। यहां पर किसी के आने-जाने पर कोई रोक टोक नहीं है। यहां पर एक मजार तक लोग दर्शन करने के लिए जाते हैं और कोई टिकट भी नहीं लेते हैं। इससे ठीक बगल में वह हिस्सा है जहां से डाक घर बना हुआ है। इस डाकघर से होते हुए भी कोई भी आसानी से प्लेटफार्म नम्बर एक पर पहुंच सकता है। चारबाग रेलवे स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज बना है लेकिन इस पर भी कहीं कोई चेकिंग नहीं होती है। इस ब्रिज पर जाने के लिए कोई चेकिंग नहीं होती है। इस ब्रिज पर सब्जी मंडी तक लग रही है। यह ब्रिज स्टेशन के पिछले हिस्से में जहां निकलता है वहां से भी लोग स्टेशन तक आसानी से चढ़कर आ सकते हैं।

- खराब पड़े है मेटल डिटेक्टर

चारबाग रेलवे स्टेशन पर चार जगह मेडल डिटेक्टर लगे हुए हैं। लेकिन पैसेंजर्स इनमें से एंट्री कर रहे हैं या नहीं, यह देखने वाला कोई नहीं है। इनमें से दो मेटल डिटेक्टर खराब पड़े हैं। इतना ही नहीं इस मेटल डिटेक्टर के पास जीआरपी के सिपाही बेंच पर मौजूद रहते हैं लेकिन वे उसी समय हरकत में आते हैं। कई बार सिपाही भी यहां से गायब हो जाते हैं। फुटओवर ब्रिज पर भी एक मेटल डिटेक्टर लगाया गया है, वह भी सिर्फ शोपीस बना हुआ है। चारबाग जंक्शन पर नजर रखने के लिए आठ से अधिक कैमरे विभिन्न हिस्सों में लगे हैं, इनमें से पांच कैमरे खराब पड़े हैं।

बाक्स

चारबाग स्टेशन पर मानक के अनुसार एक एसएचओ, 26 एसआई, 214 कांस्टेबल और 40 हेडकांस्टेबल होने चाहिए। जबकि इनके सापेक्ष मात्र 17 एसआई, 146 कांस्टेबल और 20 हेडकांस्टेबल हैं।

कोट

यहां पर सुरक्षा की व्यवस्था में कोई कमी नहीं है। स्टेशन पर सुबह और शाम गश्त की जा रही है। स्टेशन के हर कोने में नजर रखी जा रही है। संदिग्ध को देखते ही पूछताछ शुरू हो जाती है।

एसके गौतम

इंस्पेक्टर, जीआरपी

बाक्स

- चारबाग जंक्शन से रोजाना सफर करने वाले यात्रियों की संख्या एक लाख से अधिक है

- यहां से रोजाना 287 गाडि़यां आती-जाती हैं।

- आरपीएफ में तैनात स्टॉफ में दस जवानों की कमी है। यहां पर 143 लोगों की तैनाती है जिसमें 133 लोग मौजूद हैं।

कोट

स्टेशन ही नहीं ट्रेनों में भी लगातार नजर रखी जा रही है। कई बार स्टेशन पर तलाशी अभियान भी चलाया जाता है। इसके साथ ही रेलवे ट्रैक के आस-पास भी जवानों को गशत करने के आदेश दिए गए है।

हेमंत कुमार

मंडल सुरक्षा आयुक्त

लोगों से बातचीत

चारबाग रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था होती तो यहां पर यात्रियों को लगेज भी चोरी नहीं होता। फिर यहां पर स्टेशन पर कोई भी आसानी से दाखिल हो सकता है।

ओम शुक्ला, बिजनेसमैन

रोजाना इतने यात्री सफर करते हैं कि हर किसी को चेक नहीं किया जा सकता है। इतनी फोर्स भी उपलब्ध नहीं हो सकती। ऐसे में रैंडम चेकिंग ही सम्भव है।

पंकज पाण्डेय, एडवोकेट

चाबरग रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था हमेशा ध्वस्त रही है। मेटल डिटेक्टर खराब पड़े हैं। जिन जवानों की तैनाती यहां की गई है, वे कभी मिलते नहीं है।

मयंक सिंह

चारबाग जंक्शन के प्लेटफार्म नम्बर एक से लेकर सात तक कोई भी कहीं भी आसानी से पहुंच सकता है। ना तो टिकट चेक होता और ना ही उस लगेज की कोई चेकिंग होती है जो यात्री साथ ले जाते हैं।

सर्वेश कुमार, यात्री

यहां पर तैनात अपनी कमाई में ही लगे रहते हैं। सुरक्षा की तरफ उनका ध्यान ही नहीं जाता है। बस मॉक ड्रिल कर यहां के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी पूरी समझते हैं।

दिलावर यादव, यात्री

Posted By: Inextlive