-सीबीआइ ने दाखिल की पहली चार्जशीट

MUZAFFARPUR/PATNA: बालिका गृह यौन ¨हसा मामले में सीबीआइ ने ब्रजेश ठाकुर सहित 21 आरोपितों के खिलाफ बुधवार को विशेष पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इसमें 19 आरोपित न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं, जबकि, दो अन्य के नाम सामने नहीं आए हैं। सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि बालिका गृह में यौन शोषण होता था। इसी आधार पर अब आगे की कार्रवाई और जांच होगी। जांच के 204 दिनों के बाद सीबीआइ की ओर से यह पहली चार्जशीट है। सीबीआइ ने इस मामले की जांच 28 जुलाई से शुरू की थी। दाखिल चार्जशीट में ब्रजेश, दिलीप वर्मा, शाहिस्ता परवीन उर्फ मधु, रोजी रानी, रवि रोशन, किसन, डॉ। अश्रि्वनी कुमार, गुड्डू पटेल और रमेश समेत 21 लोगों के नाम हैं। पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है।

20 सितंबर को पहली गिरफ्तारी

सीबीआइ ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी 20 सितंबर को की थी। उसने सबसे पहले बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन निदेशक रोजी रानी को गिरफ्तार किया। सबसे हाल में 20 नवंबर को शाहिस्ता परवीन उर्फ मधु व अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया। रोजी रानी सहित अन्य कई आरोपितों की न्यायिक हिरासत की अवधि 90 दिन के करीब हो रही थी। अब अगर सीबीआइ चार्जशीट दाखिल नहीं करती तो इन सभी को जमानत का लाभ मिल जाता।

पत्नी और बेटे से ईडी करेगा पूछताछ

मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के परिजनों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया है। ईडी ब्रजेश ठाकुर के बेटे राहुल आनंद से 24 दिसंबर और पत्नी आशा ठाकुर से 26 दिसंबर को पूछताछ करेगी। दोनों से पूछताछ पटना स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में होगी।

घर में चिपकाया नोटिस

ईडी से मिली जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर के कल्याणी स्थित ब्रजेश ठाकुर के मकान पर भी यह नोटिस चिपका दी गई है। बता दें कि ईडी ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से मिले एक प्रस्ताव पर विगत 23 अक्टूबर को ब्रजेश ठाकुर और उसके परिजनों की कुल दो करोड़, 65 लाख, 12 हजार की चल व अचल संपत्ति को चिन्हित कर उसे जब्त करने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत ईसीआइआर (इन्फोर्समेंट कंपलेंट इन्फरमेशन रिपोर्ट) दर्ज कर लिया था।

Posted By: Inextlive