- सीसीएस यूनिवर्सिटी में वित्त समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

- दैनिकभोगी कर्मचारियों के वेतन में इजाफा होने से मिला होली का तोहफा

Meerut- सीसीएस यूनिवर्सिटी की वित्त समिति की बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण फैसलों ने जहां छात्रों को राहत दी है। वहीं दूसरी तरफ दैनिकभोगी कर्मचारियों के लिए भी समिति ने महत्पूर्ण फैसला लिया है। पुस्तकालय में पुस्तकों वृद्धि से लेकर शोध कार्य तक के बजट पास किए गए हैं।

स्टूडेंट्स को राहत

सीसीएस यूनिवर्सिटी में हुई बैठक में संस्कृत विभाग के लिए एक बड़ा महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। जिससे निश्चित ही छात्रों को बड़ा फायदा होने वाला है। जानकारी में डाल दे कि अभी यूजीसी ने भी सभी यूनिवर्सिटीज में संस्कृत को बढ़ावा देने का निर्देश जारी किया था। जिसे संज्ञान में रखते हुए यूनिवर्सिटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि अब संस्कृत के छात्रों को रेगुलर कोर्स के बराबर ही फीस देनी होगी। इससे पहले छात्रों को सेल्फ फाइनेंस कोर्स के बराबर फीस देनी होती थी। लेकिन अब रेगुलर होने से फीस कम होने से छात्रों को राहत मिली है। इसके साथ ही इस विभाग के लिए दो शिक्षण सहायक नियुक्त करने का निर्णय हुआ है।

कर्मचारियों को गिफ्ट

जहां एक तरफ यूनिवर्सिटी के छात्रों को इस बैठक से राहत मिली है। वहीं दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी में काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन में भी वृद्धि का फैसला किया गया है। इनमें कुशल कर्मचारियों में जिनका वेतन 8 हजार 5रुपए था। वो अब बढ़ाकर 11 हजार 500 रुपए कर दिया गया है। वहीं अकुशल कर्मचारी जिनका वेतन अभी तक 7 हजार 5 सौ रुपए था। अब उनका वेतन बढ़ाकर दस हजार कर दिया गया है। यह वेतन पूरे चार साल बढ़ाया गया है। इसके साथ ही कर्मचारियों को मिलने वाले चिकित्सा भत्ते को पांच हजार से बढ़ाकर छह हजार कर दिया गया है।

कई बजट हुए हैं पास

यूनिवर्सिटी में होने वाली स्वर्ण जयंती वर्ष के लिए 15 लाख का बजट पास किया गया है। इसके अलावा पुस्तकालय में पुस्तकों की वृद्धि के लिए व छात्रों के शैक्षणिक व शोध कार्य में सुलभता के लिए एक लाख के बजट को बढ़ाकर डेढ़ लाख किया गया है। आगामी सत्र के लिए प्रस्तावित बजट 130 करोड़ रखा गया है। आगामी सत्र में अनुमानित व्यय 129 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

शोध प्रोत्साहन को दस लाख

यूनिवर्सिटी में होने वाले शोध के लिए शोध प्रोत्साहन का दस लाख का बजट पास किया गया है। इसके अलावा सभी ऑफसर, टीचर्स व कुछ कर्मचारियों को सीयूजी प्लान से जोड़ने का फैसला किया गया है।

टीचर्स पर खर्च 75 प्रतिशत

सूत्रों की माने तो इस बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला और लिया गया है। सभी सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में बजट का 75 प्रतिशत अब शिक्षकों व कर्मचारियों की सेलरी में खर्च किया जाएगा। जबकि अभी तक 50 से 55 प्रतिशत ही खर्च किया जाता था।

Posted By: Inextlive