- निकाले गए दस कर्मचारियों ने की मीटिंग, कोर्ट जाने का निर्णय

- यूनिवर्सिटी में पिछले दस साल से भी अधिक समय से थे तैनात

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में काम करने वाले दस कर्मचारियों को प्रभारी रजिस्ट्रार के साथ मारपीट करने और शासन के रजिस्ट्रार के साथ काम करने को लेकर वीसी ने यूनिवर्सिटी से निकालने का फरमान जारी किया है। इस फरमान के बाद से कर्मचारी काफी परेशान नजर आ रहे हैं। इस संबंध में कर्मचारियों ने बुधवार को एक बैठक आयोजित की। जिसमें आगे की रणनीति तैयार करने को लेकर बातचीत हुई। जल्द ही निकाले गए सभी कर्मचारी कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

यह है मामला

यूनिवर्सिटी में अक्टूबर से वीसी और रजिस्ट्रार के बीच नाक की लड़ाई चल रही है। जिसमें वीसी ने रजिस्ट्रार मनोज कुमार को कार्यमुक्त करते हुए रिलीव कर रखा है। इनकी जगह डीआर प्रभाष द्विवेदी को प्रभारी रजिस्ट्रार का चार्ज सौंपा गया। जिन्होंने कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए एक नोटिस जारी किया था। जिस पर कर्मचारी भड़क गए थे और उन्होंने प्रभाष द्विवेदी के साथ अभद्रता कर दी थी। प्रभाष द्विवेदी ने थाने में पांच कर्मचारियों के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की नियत से हमला करने का मुकदमा कायम कराया था।

बनी थी जांच कमेटी

इस मामले में कर्मचारियों ने भी प्रभारी रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी के खिलाफ थाने में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस द्वारा उसमें कुछ नहीं किया गया था। जिसको लेकर कर्मचारी डीएम से गुहार लगाने गए और वहां उनमें से एक कर्मचारी को सीओ ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए जेल भिजवा दिया था। जिसके बाद से कर्मचारियों को राहत के बदले आफत का सामना करना पड़ा था। इन कर्मचारियों के खिलाफ रिटायर जज की अगुवाई में एक जांच कमेटी भी बनाई गई थी। कमेटी ने सभी आरोपी कर्मचारियों से अपने पक्ष रखने को कहा था।

ये निकाले गए

दो फरवरी को प्रभारी रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी ने अवकाश पर रहते हुए दस कर्मचारियों को निकाले जाने की संस्तुति का लेटर जारी कर दिया। इन कर्मचारियों में प्रोक्टर कार्यालय में तैनात रमेश यादव, सामान्य विभाग में तैनात कपिल शर्मा, कंप्यूटर सेल में तैनात अवधेश त्यागी, आईबीएस में तैनात मनोज त्यागी, कैंपस सेल में सुनील पांडे, परीक्षा विभाग में तैनात शिवकुमार व रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनात तेज बहादुर, रमेश, बिंद्रा प्रसाद और विनोद कुमार शामिल हैं। इन सभी कर्मचारियों का वेतन रोकने के साथ काम से निकाले जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

नौकरी से निकाला तो होगा विरोध

बुधवार को डेलीवेजेज कर्मचारियों ने यूनिवर्सिटी में बैठक की। जिसमें सभी ने इन दस कर्मचारियों का साथ देने का कदम उठाया। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर इन दस कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही हुई तो सब लोग मिलकर इनका विरोध किया जाएगा। साथ ही कार्रवाई के खिलाफ तत्काल डिसीजन लिया जाएगा। अब कोर्ट जाने की तैयारी है। इन लोगों का कहना है कि रजिस्ट्रार के यहां नौकरी करने वालों को निकालने का कोई औचित्य नहीं बनता। प्रभारी रजिस्ट्रार के साथ हुए मामले में उन्होंने लिखकर दे दिया है। जांच कमेटी का निर्णय भी अभी सामने नहीं रखा गया। कार्रवाई पर कड़ा विरोध होगा।

Posted By: Inextlive