- बच्चों की धड़कन जांचने वाले छोटे डॉप्लर नहीं दे रहे बेहतर रिजल्ट, मरीजों को दी जा रही गलत सूचना

- सैटरडे को एक महिला को मर बच्चे की दी गई थी जानकारी, दिया था स्वस्थ बच्चे को जन्म

बरेली : डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में प्रेग्नेंट महिलाओं की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सैटरडे को मरे हुए बच्चे की जानकारी देने का मामला भी यहां की अनदेखी से ही जुड़ा है। शहर की रहने वालीं एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लेकर गए। आरोप है कि बिना जांच के ही उनके बच्चे को मरा बताकर उन्हें जाने के लिए कह दिया गया। बाद में, उन्होंने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। दरअसल, हॉस्पिटल में इस बात की जांच करने के डॉप्लर ही बेहतर रिजल्ट नहीं दे रहे हैं। इसका खामियाजा दूसरे मरीजों को भी उठाना पड़ रहा है।

खराब हैं छोटे डॉप्लर

बच्चे की धड़कन सुनने के लिए छोटे डॉप्लर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन हॉस्पिटल में छोटे डॉप्लर बेहतर रिजल्ट नहीं दे पा रहे हैं। इस वजह से एक्यूरेट जानकारी नही मिल पा रही है। कई बार मरीजों को गलत सूचना दे दी जाती है।

कलर डॉपलर की है मांग

यहां तैनात अल्ट्रासोनालॉजिस्ट ने कई बार सीएमएस से कलर डॉप्लर मशीन की मांग की ताकि मरीज की जांच करने पर एक्यूरेट रिपोर्ट तैयार की जा सके लेकिन एक साल का समय बीतने के बाद भी मशीन नहीं दी गई।

छोटे डॉप्लर से अलग है कलर डॉप्लर

छोटे डॉप्लर से मरीज की जांच करने पर एक्यूरेट अंदाजा नही लग पाता है। कई बार ज्यादा पुराने छोटे डॉपलर से अगर जांच की जा रही है तो वह गलत रिपोर्ट भी दे देते हैं। वही कलर डॉप्लर से बच्चे का हार्ट स्ट्रक्चर के साथ ही धड़कन का पता भी एक्यूरेट पता चल जाता है।

अल्ट्रासाउंड के लिए बढ़ जाते हैं मरीज

अक्सर जब डॉक्टर छोटे डॉप्लर से मरीज की जांच करती है और पूरी तरह से आश्वस्त नहीं होती है तो फौरन ही मरीज को अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा जाता है। छोटे डॉप्लर की क्वालिटी ठीक नहीं है। इसलिए रिजल्ट में डाउट ही बना रहता है। यही वजह है कि अल्ट्रासाउंड में सुबह से ही भीड़ जुट जाती है।

जांच ठीक नहीं हो रही

दो दिन पहले ही एडमिट हुए। पहले डॉक्टर ने अपने रुम में जांच की तो उन्होंने कहा कि बच्चे की धड़कन सुनाई नहीं दे रही है इसके बाद दोबारा से अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा।

- निकिता, मढ़ीनाथ

प्रसव पीड़ा होने पर फ्राईडे को यहां एडमिट हुए। डॉक्टर ने जांच की तो बताया कि बच्चे की हालत नाजुक है लेकिन डिलीवरी के बाद बच्चा स्वस्थ पैदा हुआ।

छाया, शांति विहार।

कलर डॉप्लर की सुविधा अभी नही है। जल्द इसके लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा। छोटे डॉपलर से जांच की जाती है।

डॉ अलका शर्मा, सीएमएस।

Posted By: Inextlive