बाग से ही सीधे प्रतिबंधित कैल्शियम कार्बाइड व एथिलीन रखे आम पहुंच रहे मार्केट में

चाइनीज कंपनी खुले आम मार्केट में एथिलीन पाउडर की कर रही है सप्लाई

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BAREILLY : फतेहगंज पश्चिमी के पिपरिया छोटी में केमिकल से पका आम खाने से 7 वर्ष की बच्ची अनुष्का की मौत और 4 बहनों के बीमार होने से हड़कंप मच गया है। आम खाने वाले लोग टेंशन में आ गए हैं। फ्राइडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने डेलापीर मंडी में जाकर केमिकल से आम पकाने का रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाली चीजें सामने आयीं। यहां फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड ऑफ इंडिया (एफएसएसआई) के मानकों के तहत प्रतिबंधित कैल्शियम कार्बाइड पाउडर के अलावा प्रतिबंधित एथिलीन पाउडर से भी आम पकाना पाया गया।

एथिलीन पाउडर के पैकेट पर चाइनीज लैंग्वेज के साथ-साथ आम की फोटो भी छपी है लेकिन इस पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है। आम को मंडी में नहीं बल्कि सीधे बाग में ही प्रतिबंधित पाउडर से पकाया जा रहा है। पाउडर पहले ही आम की पेटी या क्रेट में रख दिया जाता है। कैल्शियम कार्बाइड या एथिलीन पाउडर घातक कैंसर कारक केमिकल हैं, लेकिन फल व्यापारी अपने फायदे के लिए लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

 

घोल बनाकर पका रहे आम

-आम को कैरेट में पैक करते समय कार्बाइड या एथिलीन को डाल दिया जाता है।

-एथिलीन राइपनर के पैकेट को कॉटन में डाला दिया जाता है।

- एथिलीन का पानी में घोल बनाकर उसमें आम को डुबो कर निकालने के बाद सूखाया जाता है।

- कार्बाइड की अपेक्षा एथिलीन पाउडर से आम पकाने से आम का कलर पीला हाे जाता है और चमक आ जाती है।

 

गैस फॉर्मेट में ही पकाने का नियम

-फलों को खास तरह के चैंबर के अंदर गैस फ्लो करके ही पकाया जा सकता है।

--चैम्बर का तापमान 18 से 24 डिग्री के बीच रखा जाता है।

-इस विधि से फलों को पकाने में तीन से सात दिन का समय लगता है।

 

कार्बाइड व एथिलीन पाउडर से से होने वाले नुकसान

-कार्बाइड व एथिलीन पाउडर से पकाए गए फल पर पाउडर लगा रह जाता है।

-पेट में कार्बाइड जाने से लूज मोशन, बुखार, उल्टियां होने के अलावा मैमोरी भी कम हो जाती है

-कार्बाइड से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है

-फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है

-फूड प्वॉइजनिंग हो सकता हैं

 

केमिकल से पके आम की पहचान

-आम को पानी से भरे किसी पात्र या बाल्टी में डालिए बॉल्टी में आम तैरने लगे तो रसायन की मदद से पकाया गया है।

-आम को हाथ में उठाकर देखिए छिलके पर हल्की सी झुर्रियां दिखाई दें तो वह प्राकृतिक रूप से पके हुए होते है।

-कार्बाइड से पका आम प्राकृतिक सुगंध खो देता है

 

केमिकल से पके हुए आम को धुल कर ही खाना चाहिए। केमिकल पेट में चला जाने से काफी नुकसान है।

पूजा, जिला उद्यान अधिकारी

 

अपने यहां पहले केला को चूना और लिक्विड से पकाया जाता था, लेकिन अब चैंम्बर में पकाया जाता है। सरकार आम पकाने के लिए कुछ नई तकनीकी इजाद करे। जिससे आम को भी केले की तरह पकाया जा सके।

अनीस खां, फल व्यापारी

 

सरकार को फल पकाने के लिए सुविधाएं बढ़ानी चाहिए। जिससे फलों को पकाने में मदद मिल सके। अभी तो सस्ते के चक्कर में कार्बाइड से ही फल पकाए जा रहे हैं।

सलीम, फल व्यापारी

 

कैल्शियम कार्बाइड और एथिलीन पाउडर से फल पकाना एफएसएसआई नियमों के तहत प्रतिबंधित है। फतेहगंज पश्चिमी में घटना के बाद सैंपल कलेक्ट किए गए हैं।

संजय पांडे, खाद्य आयुक्त

 

 

बिना धुले आम खाए थे लड़कियों ने

-आम बेचने वाले दयाराम को गिरफ्तार कर भेजा जेल

 

आम खाने से बीमार 4 लड़कियों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बीमार बच्ची संगीता ने होश में आने के बाद बताया कि उसने बिना धुले आम खाया था। फ्राइडे को एफएसडीए की टीम पिपरिया छोटी गांव पहुंची और आम का सैंपल लिया। वहीं पुलिस ने आम बेचने के आरोपी दयाराम को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दयाराम को आम बेचने वाले जगदीश की तलाश की लेकिन वह फरार हो गया।

 

एफएसडीए टीम पहुंची जांच करने

प्रशासन की ओर से मीरगंज एसडीएम राम अक्षयवर सिंह चौहान भी गांव पहुंचे और परिजनों से बात की। एफएसडीए की ओर से फूड इंस्पेक्टर सोमनाथ कुशवाहा, महेंद्र नाथ सिंह और फूड इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह आजाद जांच के लिए पहुंचे। सोमनाथ कुशवाहा ने बताया कि आम को कार्बाइड से पकाया जाता है। हो सकता है कि आम में कार्बाइड की मात्रा ज्यादा रह गई होगी। जिसका शरीर पर असर पड़ा और बच्ची की मौत हो गई। पुलिस के द्वारा कब्जे में लिए गए आम और दुकान से आम के सैंपल कलेक्ट कर लिए गए हैं। सैंपल की जांच के बाद पता चलेगा कि आम में कौन सा केमकल लगा था।

 

यहां से लिए सैंपल

दयाराम-गांव में आम बेचने वाला

जगदीश चंद्र-दयाराम को आम बेचने वाला

धर्मवीर-नई बस्ती फतेहगंज पश्चिमी

हाजी शरीफ खां-फलमंडी डेलापीर

मल्लू खां-फलमंडी डेलापीर

Posted By: Inextlive