Chhath Puja 2021 Aaj ka Panchang: खरना पर जानें राहुकाल व दिशाशूल की स्थिति, आज के दिन ये चीजें हैं वर्जित
Chhath Puja 2021 Dainik Panchang: तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। मंगलवार 9 नवंबर के दैनिक पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्त जानकारी यहां दी गई है।
डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Chhath Puja 2021 Dainik Panchang: छठा पूजा का शुभारंभ हो चुका है। आज पंचमी तिथि पर खरना है। हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। मंगलवार 9 नवंबर को पंचमी तिथि 10:36:00 तक तदोपरान्त षष्ठी तिथि है। पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं तथा षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं। मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है ।
आज के दिन क्या करें और क्या न करें
आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जाएं। यह तिथि समस्त शुभ कार्यों के लिए शुभ है तथा इस तिथि में ऋण किसी भी कीमत पर न दें। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।
09 नवम्बर 2021 दिन- मंगलवार का पंचांग पंचमी
सूर्योदयः- प्रातः 06:33:00
सूर्यास्तः- सायं 05:27:00
विशेषः- मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है ।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- हेमन्त ऋतु
मासः- कार्तिक माह
पक्षः- शुक्ल पक्ष
तिथिः- पंचमी तिथि 10:36:00 तक तदोपरान्त षष्ठी तिथि
तिथि स्वामीः- पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं तथा षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं।
नक्षत्रः पूर्वा अषाढ़ा नक्षत्र 16:59:00 तक तदोपरान्त उत्तरा अषाढ़ा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- पूर्वा अषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं तथा उत्तरा अषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी सूर्य जी हैं।
योगः- धृति 12:05:13 तक शूल
दिशाशूलः- आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जाएं।
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 12:04:00 से 01:26:00 तक
राहुकालः- आज का राहु काल 02:47:00 से 04:09:00 तक
तिथि का महत्वः- यह तिथि समस्त शुभ कार्यों के लिए शुभ है तथा इस तिथि में ऋण किसी भी कीमत पर न दें।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”