धर्मसंसद द्वारा मंदिरों से मूर्तिया हटाने का प्रस्‍ताव पास होने के बाद से देशभर में इसके खिलाफ आवाजें उठ रही हैं. इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने साईं मूर्तियों को हटाने से इंकार कर दिया है.


छत्तीसगढ़ से नही हटेंगी साईं मूर्तियांशंकराचार्य और धर्मसंसद के बढ़ते दबाव के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार ने इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया है. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. लेकिन लोकल लीडरशिप ने इसकी परवाह ना करते हुए इस प्रस्ताव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पूजा करने के लिए सब स्वतंत्रछत्तीसगढ़ सरकार के गृहमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में सभी लोग अपने-अपने भगवान की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसलिए छत्तीसगढ़ में मंदिरों से साईं मूर्तियां हटने का सवाल ही नही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी लोग अपनी आस्था के अनुरूप अपने भगवान को मानते हैं. साईं नही हैं भगवान
इससे पहले धर्मसंसद में साईं बाबा को लेकर एक प्रस्ताव पास किया गया. इस प्रस्ताव में यह क्लियर किया गया है कि साईं बाबा के भगवान होने के प्रामाणिक डॉक्यूमेंट नही है. इसके साथ ही वे ना ही गुरू हैं, ना किसी भगवान के अवतार और ना ही कोई संत हैं. इस धर्मसंसद में यह बात भी दोहराई गई कि जो लोग साईं बाबा की पूजा करने लगे हैं वे भटके हुए हैं और उन्हें रास्ते पर लाने के लिए इस धर्मसंसद को बुलाया गया है. इस मौके पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि साईं पूजा से कोई फल मिलने वाला नही है और इससे मानव जीवन खराब होता है. इसके साथ ही उन्होंने यह प्रश्न उठाया कि इस धर्मसंसद में साईं संस्थान में से किसी की उपस्थिति क्यों नही है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra