RANCHI:मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रही विकास योजनाओं को समय पर पूरा करना उपायुक्तों को जिम्मेदारी है। क्योंकि योजनाएं समय पर पूरी नहीं होने से सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों का ही होता है। इसलिए सभी उपायुक्त संवेदनशीलता के साथ कार्य करें एवं समय पर योजनाओं को पूरा करें। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि कैलेण्डर बनाकर कार्य करें। अच्छे कार्य करने वाले पदाधिकारी को क्भ् नवम्बर को सरकार सम्मनित करेगी। मुख्यमंत्री बुधवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार में सभी विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, सभी प्रमण्डलीय आयुक्त एवं उपायुक्तों के साथ विकास एवं राजस्व कायरें की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में विभागों के सचिवों ने अगले तीन माह की योजना पेश की। उपायुक्तों ने अपने सुझावों व समस्या से अवगत कराया।

पंचायत सचिवालय का गठन

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मई के अंत तक सभी पंचायत सचिवालय का गठन कर लें। इसमें चार सदस्य रहेंगे, जिसमें क्षेत्र के पढ़े-लिखे युवक-युवतियों को भी शामिल करें। यह पंचायत सचिवालय गांव में लागू की जानेवाली योजनाओं के क्रियान्वयन व मॉनिटरिंग में मददगार साबित होगा। जिला प्रशासन और मुखिया को भी इससे काफी लाभ होगा। योजनाओं की स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री डेस्क तक आएगी। किसी की मोनोपॉली नहीं चलेगी। सभी के सामूहिक प्रयास से ही विकास किया जा सकता है। श्री दास ने कहा कि उपायुक्त जिले का सबसे उपयुक्त व्यक्ति माने जाते हैं। सरकार द्वारा तैयार योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू कराने का काम उन्हीं का है। उनमें काबिलियत है, बस जरूरत है वे अपनी जिम्मेवारी को समझें। फिल्ड मशीनरी को सक्रिय किये बिना योजना पूरी नहीं की जा सकती है। हमें प्रोफेशनल तरीके से सरकार चलानी है।

दो लाख महिलाओं को ट्रेनिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्भ् जून तक एक लाख तथा मार्च ख्0क्7 तक पांच लाख डोभा का काम पूरा किया जाना है। राज्य में अब कंबल, चादर, तौलिया, स्कूली बच्चों की ड्रेस के लिए कोई टेंडर नहीं होगा। सारी चीजें झारक्राफ्ट के माध्यम से खरीदी जाएंगी। राज्य के ख्म् हजार स्वयं सहायता समूह से जुड़ी दो लाख महिलाओं को प्रशिक्षित कर इन कामों में लगाया जाएगा। झारक्राफ्ट से संबद्ध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण का काम अब एनजीओ के माध्यम से न करा कर सीधे लाभुक के खाते में दो किस्तों में पैसे जमा करें। जहां आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है, वहां इन्हें बनाएं। अगले तीन माह में आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन और स्कूलों में बिजली पहुंचाएं।

गरीब कल्याण मेला

हर तीन माह में गरीब कल्याण मेला लगाकर गरीबों को मिलनेवाली चीजें सौंपे। जिस गांव में जितनी चीजें दी जा रही हैं, वहां की पंचायत द्वारा इसकी जानकारी बोर्ड लगाकर प्रदर्शित की जाए। इससे पारदर्शिता आएगी। आपदा प्रबंधन के तहत हर जिले में क्00-क्00 लोगों को चुन कर उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण दें, ताकि आपदा या जरूरत के समय यह टीम सिविल डिफेंस के रूप में मदद कर सके। श्रावणी मेले जैसे आयोजनों में भी इनकी मदद ली जा सकेगी। बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, अपर मुख्य सचिव एनएन पांडे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, कैबिनेट सचिव एसएस मीणा समेत राज्य के प्रधान सचिव/सचिव, सभी प्रमण्डलीय आयुक्त/उपायुक्त समेत अन्य वरीय पदाधिकारिगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश

-ज्यादातर क्राइम जमीन से जुड़े हैं। ऐसे में फर्जी जमाबंदी की जांच के लिए अभियान चलाएं। चिह्नित कर रद्द करें। छह माह में पूरे राज्य में ऐसे मामलों का निपटारा किया जाए

-गरीबों के लिए आदर्श दाल-भात केंद्र ज्यादा से ज्यादा खोलें। साथ ही मोबाइल वैन द्वारा भी यह योजना चलाई जाए।

-राइट टू सर्विस एक्ट के तहत क्7ख् अधिकार लोगों को समयबद्ध तरीके से मिले। इसे सुनिश्चित करें।

-जिला स्तर पर तीसरे और चौथे वर्ग की नौकरियों में क्भ् नवंबर तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो।

-ट्राइबल जिले में ट्राइबल डेवलेपमेंट काउंसिल की बैठक क्भ् दिनों में करें और निर्णय की जानकारी मुख्यालय को भेजें।

-ख्भ् जून तक तय जिलों में पोषण सखी की नियुक्ति हो। कस्तुरबा गांधी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति एक माह में करें।

-लोगों को आपदा के तुरंत बाद सहायता मुहैया हो। घटना में मृतक पुलिसकर्मी व सुरक्षा बलों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी व अन्य सुविधा प्रक्रिया एक हफ्ते में पूरी की जाए।

Posted By: Inextlive