उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित भगवान बद्रीनाथ मंदिर के पट अब15 मई की सुबह खुलेंगे। वहीं गाडु घड़ा परंपरा के लिए तिल का तेल 5 मई को निकाला जाएगा। बता दें कि पहले बद्रीनाथ मंदिर के पट खाेलने के लिए 30 अप्रैल की तारीख निर्धारित हुई थी।

देहरादून (उत्तराखंड) (एएनआई)। उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर के पट खुलने को लेकर सोमवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में टिहरी की महारानी और सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी और पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर उपस्थित रहे। इस दाैरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कोरोना वायरस और लाॅकडाउन की वजह से बीते 30 अप्रैल की जगह अब 15 मई को सुबह 4:30 बजे मंदिर के खुलेंगे। प्रसिद्ध भगवान विष्णु मंदिर के द्वार वैदिक मंत्रोचार व भजनों के बीच औपचारिक रूप से खोले जाएंगे। इस दाैरान यहां पर मंदिर प्रबंधन के सदस्यों के साथ प्रशासनिक अमला भी माैजूद रहेगा। बद्रीनाथ धाम आने वाले भक्तों की सुरक्षा के लिए मजबूत इंतजाम किए जाएंगे। बद्रीनाथ हिंदुओं के चार महत्वपूर्ण धामों में से एक है।

इस बार तिल का तेल निकालने के लिए 5 मई की तिथि तय की गई

टिहरी के राजा मनुजेंद्र शाह ने ऐलान किया कि इस बार गाडु घड़ा परंपरा के लिए तिल का तेल निकालने के लिए 5 मई की तिथि तय की गई है। उत्तराखंड में केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अन्य हिमालयी मंदिरों की तरह बद्रीनाथ के दरवाजे भी हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद हो जाते हैं। इस सीजन यहां भारी बर्फबारी होती है। इसके बाद हर छह महीने बाद अप्रैल-मई में फिर कपाट खोल दिए जाते हैं।

सोशल डिस्टेंसिंग और सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे ढंकने की सलाह

बता दें कि देश भर के विभिन्न राज्यों की राज्य सरकारों ने लोगों को कोरोना वायरस की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग और सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे ढंकने की सलाह दी है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 3 मई तक देशव्यापी लाॅकडाउन किया गया है।

Posted By: Shweta Mishra