उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले नेशनल रेरा कॉन्क्लेव में कहा कि घर के लिये कमाई दांव पर लगाने वालों का हित सर्वोपरि होगा।


लखनऊ (ब्यूरो)। 'अगर बिल्डर पूरी पारदर्शिता और गुणवत्ता के मुताबिक ग्राहकों से किये वादे पूरेे करेंगे तो सरकार नियमानुसार उनकी हर संभव मदद करेगी। ऐसा हुआ तो रीयल एस्टेट सेक्टर मंदी के दौर से उबरकर एक बार फिर बुलंदियों को हासिल कर सकता है। यही रेरा का मकसद है।Ó यह कहना है प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का। वे सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित देश के पहले रेरा कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक अदद घर का सपना लिये जीवन भर की गाढ़ी कमाई किसी बिल्डर को देने वालों का हित सरकार के लिये सर्वोपरि है। यह तबका दोहरी मार का शिकार होता है। कॉन्क्लेव में केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, यूपी रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार, चीफ सेक्रेटरी आरके तिवारी समेत तमाम 17 प्रदेशों के रेरा अध्यक्ष व अधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
साजिश थी नोएडा के बारे में मिथ


सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकारों में नोएडा जाने को लेकर एक मिथ था। ऐसा साजिशन उन लोगों ने किया था जिनकी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे आस-पास काली कमाई लगी थी या ऐसे लोगों को अपने हित के लिए वे संरक्षण दे रहे थे। पैसा देने के  बाद भी घर न मिलने की 80 फीसद शिकायतें एनसीआर के आठ जिलों से ही हैं। बताया कुछ पीडि़त ग्राहकों और बिल्डर्स से मिलने के बाद मुझे नोएडा का यह मिथ समझ में आया। मेरा मानना है कि इस सेक्टर में हुई गड़बडिय़ों के मूल में राजनैतिक एवं प्रशासनिक बेईमानी भी है। बदनीयती से इन लोगों से या तो मिले पैसे का बंदरबांट कर लिया या किसी और क्षेत्र में लगाकर इस क्षेत्र का बंटाधार कर दिया। कोई भी संवेदनशील व्यक्ति वहां जाता और सच से वाकिफ  होता तो पैसे की बंदरबाट करने वाले बेनकाब हो जाते। लिहाजा नोएडा के बारे में साजिशन प्रोपेगेंडा फैलाया गया।सुविधा न मिलने पर उठता है भरोसा

योगी ने कहा कि लोग बेहतर बुनियादी सुविधा के लिए शहर में आते हैं। सुविधाएं नहीं मिलने पर उनका सरकारों से भरोसा उठता है। ऐसा न हो इसके लिये मेट्रो का विस्तार, सभी नगर निगमों को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद इसी की कड़ी है। सीएम ने यूपी रेरा के अब तक के कार्यों की सराहना की। कहा, रेरा को मजबूत करने और रीयल एस्टेट क्षेत्र को फिर से संभावनाओं का क्षेत्र बनाने के लिये सरकार जल्द कुछ और उपायों की घोषणा करेगी। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने प्रदेश की कमान संभाली उससे पहले 10 वर्षों से पेंडिंग करीब 3 लाख होम बायर्स को आवास नहीं मिल पाया था। लेकिन, उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया और बिना किसी दबाव के संवाद के जरिए हमल लोग एक साल में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे में एक लाख बायर्स को आवास दिलाने में सफल हुए। सीएम ने देशभर में सबसे ज्यादा 12 हजार से ज्यादा शिकायतों का निस्तारण करने पर यूपी रेरा की जमकर तारीफ की।जल्द लाएंगे रीयल एस्टेट ई-कॉमर्स पोर्टलकेंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि  रेरा के गठन से पहले यह सेक्टर करप्शन में डूबा हुआ था। कृषि के बाद सर्वाधिक संभावनाओं वाला यह क्षेत्र असंगठित था। सत्ता में आने के दो साल के भीतर पीएम मोदी ने रेरा के जरिए इसे संगठित किया। उन्होंने कहा जल्द ही मॉडल टेंनेंसी एक्ट लाया जाएगा। साथ ही रीयल एस्टेट ई-कॉमर्स पोर्टल लायेंगे। इस कोशिश से आने वाले समय में शहरीकरण का मंजर बदल जाएगा। उन्होंने हर क्षेत्र में यूपी सरकार की कोशिशों की तारीफ की।एक अदद छत सबका सपना
केंद्रीय सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि एक अदद छत का सपना सबका होता है। लिहाजा, रीयल एस्टेट सेक्टर का ताल्लुक हर व्यक्ति से है। सबके आवास का सपना साकार हो, इसके लिये हर साल 900 स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर आवास बनाने की जरूरत होगी। जीडीपी में इस सेक्टर का योगदान करीब 8 फीसद है। फॉरेन इंवेस्टमेंट से पैसा पाने वाले क्षेत्रों में इस सेक्टर का नंबर पांचवां है। उन्होंने बताया कि 2030 तक इस सेक्टर में 50 करोड़ और 2050 तक 80 करोड़ लोग शहरी क्षेत्रों के निवासी होंगे, जिनके लिये आवास जरूरी होगा। यह सेक्टर अपने लक्ष्य को हासिल करे रेरा का यही मकसद है।lucknow@inext.co.in

Posted By: Dhananjay Shukla