रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर दोहराया है कि लॉकडाउन की अवधि में विभिन्न राज्यों में फंसे झारखंड के स्टूडेंट्स और श्रमिकों की वापसी केंद्र सरकार की रोक के कारण नहीं हो पा रही है। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर झारखंड के स्टूडेंट्स व श्रमिक दूसरे राज्यों में फंसे हैं, हम उन्हें लाना चाहते हैं लेकिन भारत सरकार के गृह मंत्रालय का आदेश इसकी इजाजत नहीं देता है। स्पष्ट कहा कि हम कानून तोड़कर कोई काम नहीं करना चाहते हैं। हमने निर्णय लिया है कि इस संदर्भ में केंद्र का आदेश जारी होने का इंतजार करेंगे। सीएम ने इस बाबत प्रधानमंत्री को रविवार को पत्र भी लिखा था, जिसे उन्होंने मीडिया के साथ साझा किया। बता दें कि पांच हजार से अधिक स्टूडेंट्स व पांच लाख से अधिक श्रमिक बाहर फंसे हुए हैं।

केंद्र के आदेश का इंतजार

मुख्यमंत्री ने कहा, गृह मंत्रालय के आदेश में तीन मई तक इंटर-स्टेट आवागमन पर रोक लगाई गई है। यह भी कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके कुछ राज्य इसका उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसा हो रहा है तो केंद्र सरकार मौन क्यों है। इस मामले में केंद्र सरकार को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने साफगोई से कहा कि राज्य सरकार अपने बल पर कोटा, ओडि़शा, बंगाल व अन्य राज्यों में फंसे स्टूडेंट्स व मजदूरों को वापस लाने में सक्षम नहीं है। केंद्र सरकार अपने आदेश को बदले ताकि हम वैधानिक तरीके से उन्हें वापस ला सकें। कहा, हम कानून तोड़कर कोई काम नहीं करना चाहते। केंद्र सरकार बताए कि हम किस प्रकार उन्हें वापस ला सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि केंद्र सरकार के निर्णय का पूर्ण रूप से पालन करेंगे। केंद्र के आदेश का इंतजार करेंगे।

Posted By: Inextlive