RANCHI: झारखंड के सुदूर गांवों में जल्द ही जगह-जगह बच्चे राम व कृष्ण की कथा सुना कर भक्ति रस की गंगा बहाते हुए नजर आने वाले हैं। विश्व हिन्दू परिषद झारखंड के क्00 बच्चों को अलग-अलग गांवों से चुनकर कथावाचक की ट्रेनिंग देने की तैयारी में है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय महासचिव चंपत राय ने बताया कि देशभर में देवी-देवताओं व भगवानों के बारे में लोग अवेयर हों। अपने धर्म की रक्षा कर सकें। इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद काम कर रहा है। दरअसल, रांची में पिछले दिनों हुई आरएसएस की तीन दिवसीय कार्यकारी मंडल की बैठक में झारखंड में धर्मातरण को लेकर हुई चर्चा के बाद यहां की विहिप व आरएसएस संगठनों ने यह निर्णय लिया है।

धर्म-अध्यात्म की मिलेगी ट्रेनिंग

विहिप व आरएसएस के आनुषांगिक संगठनों ने धर्मातरण पर चिंता जताते हुए कहा है कि गांवों में बच्चों को स्कूलों में हिन्दू धर्म से संबंधित महापुरुषों के बारे में नहीं बताया जाता है। साथ ही हिन्दू धर्म के भगवान और संतों के बारे में बच्चों को जो जानकारी मिलनी चाहिए, वो नहीं मिल रही है। ऐसे में बच्चों से लेकर आम जनमानस में हिन्दू धर्म का फैलाव करने के लिए यह फैसला हुआ कि झारखंड के गांवों खासकर आदिवासी बच्चों को धर्म अध्यात्म की ट्रेनिंग देकर उन्हें कथावाचक बनाया जाए।

नार्थ ईस्ट व छत्तीसगढ़ में हो चुका है प्रयोग

विश्व हिन्दू परिषद ऐसा प्रयोग नार्थ-ईस्ट और छत्तीसगढ़ में कर चुका है। जहां पर गांव-गांव से बच्चों को लेकर अयोध्या में बच्चों को वेद और अध्यात्म के साथ ही कथावाचक की ट्रेनिंग दी गई। उसके बाद ये बच्चे अपने-अपने जिले में जाकर घूम-घूमकर कथावाचन कर रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद पहले चरण में झारखंड के अलग-अलग गांवों से क्00 बच्चों को सेलेक्ट करेगा और फिर उन्हें अयोध्या ले जाकर बड़े कथावाचकों के सानिध्य में कथा कहने की ट्रेनिंग दिलवाएगा। उसके बाद वे झारखंड आएंगे। इन बच्चों को साइकिल भी दी जाएगी। इससे वे गांव-गांव कथा कहने के लिए घूम सकेंगे।

धर्म रक्षा के लिए काम कर रहा विहिप

विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय महासचिव चंपत राय ने बताया कि देशभर में अपने देवी-देवताओं और भगवानों के बारे में लोग अवेयर हो सकें। अपने धर्म की रक्षा कर सके इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद लगातार काम कर रहा है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक उत्तरपूर्व राज्यों के गांव-गांव तक विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। बच्चों को धर्म-अध्यात्म की ट्रेनिंग देकर कथावाचक बनाना भी हमारे कार्यक्रम का एक हिस्सा है। छत्तीसगढ़ में तो आदिवासी युवतियों को भी कथावाचन की ट्रेनिंग दी गई है जो भगवान की कथा कहकर हिन्दू समाज को समृद्ध बना रही है। झारखंड में भी बच्चों को कथावाचक बनाकर उन्हें गांव-गांव में भेजा जाएगा।

कथावाचक बनने से होंगे कई लाभ

उन्होंने कहा कि बच्चों के कथावाचक बनने से एक नहीं बल्कि अनेक लाभ है। एक तो जहां बच्चे संस्कारित होते है और अपने धर्म और भगवान को लेकर उनके मन में मजबूती आती हैं वहीं दूसरी तरफ जब यह बच्चे गांव-गांव कथा कहते हैं तो लोग भी इससे प्रभावित होते हैं। समाज में हिन्दू धर्म को लेकर चेतना फैलती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब यह कथा वाचक एक जगह से दूसरे जगह घूमते हैं तो उनके माध्यम से गांव में क्या चल रहा है यह पता भी चलता है। साथ ही अंतराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में जब यह बच्चे जाते हैं तो उनके माध्यम से सीमा पर क्या हलचल है यह भी पता चलता है। छत्तीसगढ़, असम और कश्मीर में विश्व हिन्दू परिषद कथा वाचक बनाकर हिन्दू धर्म के प्रति चेतना फैला रहा है।

Posted By: Inextlive