- डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

- चार दिन से दर्द से जूझती रही महिला पेशेंट

बरेली : डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में ट्यूजडे को फिर एक नवजात ने स्टाफ की लापरवाही के चलते दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत की भनक लगते ही परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंची सीएमएस ने परिजनों को शांत कराया।

क्या है पूरा मामला

शहर के बिहारीपुर निवासी मिराज अली की पत्‍‌नी शाजिया नौ माह की गर्भवती हैं। मंडे करीब दस बजे जब शाजिया को प्रसव पीड़ा हुई तो मिराज अली ने उसे डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में एडमिट कराया। रात में जब डॉक्टर ने शाजिया का चेकअप किया तो उसका एचवी करीब 9 प्वाइंट था, जिस पर डॉक्टर ने मिराज से एक यूनिट ब्लड का इंतजाम करने को कहा इस पर मिराज पूरी रात ब्लड अरेंज करने में जुटा रहा अगले दिन यानि ट्यूजडे को जब मिराज करीब सात बजे ब्लड लेकर पहुंचा जिसके बाद डॉक्टर ने शाजिया का ऑपरेशन किया तो बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ। डॉक्टर ने जैसे ही बच्चे की मौत खबर परिजनों को दी, परिजन बिफर गए और जमकर हंगामा किया।

अल्ट्रासाउंड को दोनों रिपोर्ट गलत कैसे

शाजिया 27 फरवरी को भी यहां एडमिट हुई थी इस दौरान डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराया तो उसकी डिलीवरी का समय 23 मार्च बताया गया था, जिसके बाद वह 30 फरवरी को यहां से डिस्चार्ज हो गई। लेकिन बाद एक निजी सेंटर पर जब उसने अल्ट्रासाउंड कराया तो रिपोर्ट में डिलीवरी का समय पूरा होना आया। वहीं शाजिया के दर्द भी लगातार हो रहा था। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या फीमेल हॉस्पिटल में हो रहे अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट गलत है।

डॉक्टरों की लापरवाही से हुई मौत

मिराज ने सीएमएस से शिकायत की है जब मंडे रात जब पत्‍‌नी को एडमिट कराया तो उससे स्टाफ ने सुविधा शुल्क की मांग भी की थी, वहीं डॉक्टर को निजी अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट भी दिखाई, पूरी रात शाजिया दर्द से कराहती रही लेकिन डॉक्टर ने ब्लड का तर्क देकर ऑपरेशन नहीं किया। लेट-लतीफी के चलते बच्चे की मौत हुई है।

डॉक्टर की बात

शाजिया का ऑपरेशन करने वाली डॉ। कादरा सुल्ताना ने बताया कि शाजिया की ननद हुस्नारा ने उन्हें बताया कि बच्चा मंडे से ही पेट में मूवमेंट नहीं कर रहा था, इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई। पेशेंट की हिमोग्लोबिन कम था, ऐसे में ऑपरेशन नहीं किया जा सकता था, जब ऑपरेशन किया तो बच्चे नीला पड़ा था, इससे यह साबित होता है बच्चे की पेट में ही हो गई थी।

वर्जन

डॉक्टर की लापरवाही का शिकायत परिजनों ने की है। डॉक्टर से पूछा गया तो उनका कहना है कि एचबी कम होने के कारण फौरन ऑपरेशन नहीं किया गया, फिलहाल मामले की जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डॉ । अलका शर्मा, सीएमएस।

Posted By: Inextlive