- रेस्क्यू कराए बच्चों में 6 राज्यों के पाए गए

- उत्तराखंड के बाद हरियाणा से टीम आने की उम्मीद

- प्रोबेशन अधिकारी ने जिले के सभी थानों को लिखा लेटर, पूछा किसी गुमशुदगी का मामला तो दर्ज नहीं

- रेस्क्यू कराने के तीन बाद भी डरे हुए बच्चे

Meerut : कुछ दिन पहले शास्त्रीनगर से छुड़ाए गए 22 बच्चों की सनसनीखेज वारदात के बाद कई बातें सामने आ रही हैं। अब बात सामने आई हैं अगर आप पढ़ेंगे तो चौंक जाएंगे। इस संस्था में उड़ीसा और वेस्ट बंगाल से लेकर हिमाचल प्रदेश तक के बच्चों को रखा गया था। इस रिपोर्ट को देखकर प्रशासन से लेकर शासन तक सकते में आ गया है। शासन की ओर से साफ कर दिया गया है कि उनके पतों के लेटर भेजकर माता पिता को बुलाकर जल्द से जल्द सुपुर्द कर दिया जाए। वैसे प्रशासनिक अधिकारियों ने 22 में 4 बच्चों को उनके माता-पिता को सुपुर्द कर दिया है। अधिकारियों बाल गृह के अधिकारियों और काउंसलर्स की मानें तो बच्चे अभी भी काफी डरे हुए हैं।

 

22 बच्चे और 6 राज्य

जी हां, छुड़ाए गए बच्चों के मामले में एक अहम और चौकाने वाली बात सामने आई हैं। बात उनके एड्रेस से जुड़ी हुई हैं। 22 बच्चे छुड़ाए गए हैं वो देश के 6 राज्यों से बिलांग करते हैं। जिनमें सबसे अधिक यूपी और दिल्ली के हैं। अगर बात यूपी की करें तो 6 बच्चे यूपी के तीन जिलों से बिलांग करते हैं। जिनमें से 3 नोएडा, 2 मेरठ और 1 रायबरेली है। वहीं दिल्ली के 6 बच्चों में से 3 लड़के और 3 ही लड़कियां भी शामिल हैं। उड़ीसा की चार लड़कियां, हिमाचल के 2, उत्तराखंड का 1, वेस्ट बंगाल का एक बच्चा शामिल है। वहीं एक बच्चा अपना एड्रेस नहीं बता पाया है।

 

हरियाणा बाल आयोग से आया कॉल

उत्तराखंड के बाद अब हरियाणा के ह्यूमन ट्रैफिकिंग डिपार्टमेंट और बाल आयोग का कॉल डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन अधिकारी के पास कॉल आया और बच्चों के बारे में जानकारी मांगी। अधिकारियों की मानें तो अभी बाकी स्टेट्स से भी कॉल आने की पूरी संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड की तरह हरियाणा की टीम भी एक दो दिन में मेरठ पहुंच कर बच्चों की शिनाख्त करने के लिए आ सकती है।

 

घरों में भेजे जा रहे हैं लेटर

डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि करीब 17 बच्चों के एड्रेस हमारे पास एड्रेस हैं। उनके घरों में लेटर भेजे जा रहे हैं। ताकि उनके पेरेंट्स को उनका बच्चा सौंपा जा सके। अधिकारी ने बताया कि जिन बच्चों के पेरेंट्स के मोबाइल या लैंडलाइन नंबर भी मिल रहे हैं तो कॉल भी किया जा रहा है। अधिकारी का कहना है कि बच्चे काफी डरे हुए हैं। हमारे काउंसलर्स उनके साथ घुलने-मिलने का प्रयास कर रहे हैं।

 

थानों में भेजे गए लेटर

वहीं डिपार्टमेंट की ओर से थानों में भी लेटर भेजे जा रहे हैं। उनसे इस बात की भी जानकारी मांगी जा रही है कि कहीं छुड़ाए गए बच्चों में किसी की मिसिंग रिपोर्ट तो किसी थाने में फाइल तो नहीं हुई है। अधिकारियों की मानें तो कई बार थानों में मिसिंग रिपोर्ट फाइल होती है। कुछ दिनों के बाद वो कोने में चली जाती है।

 

कराया गया मेडिकल

वहीं बच्चों का मेडिकल करा दिया गया है। रिपोर्ट करीब एक हफ्ते में आएगी। अधिकारियों की मानें तो सभी बच्चे स्वस्थ दिखाई दे रहे हैं। सब ठीक हैं और उनका काफी ख्याल रखा जा रहा है। छुड़ाए बच्चों में 6 साल से लेकर 16 साल तक के बच्चे हैं।

Posted By: Inextlive