- चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में तेजी से बढ़ रही हैं चोरी की घटनाएं

- कैंपस में मौजूद नहीं है सिक्योरिटी, दहशत में रहते हैं परिजन

ALLAHABAD: दूर-दराज के इलाकों से चिल्ड्रेन हॉस्पिटल इलाज कराने आने वाले परिजनों को आजकल चोरी का डर सता रहा है। हॉस्पिटल कैंपस में पिछले कुछ दिनों में जिस तेजी से चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं, उससे भविष्य के बेहतर संकेत नहीं मिल रहे हैं। लोगों को डर है कि कहीं साजो-सामान चोरी करने वाले किसी का बच्चा न चुरा लें। इन सबसे बेखबर हॉस्पिटल प्रशासन इन घटनाओं से सबक लेने को तैयार नहीं है। कई बार शिकायत के बावजूद हॉस्पिटल कैंपस में सिक्योरिटी का कोई इंतजाम नहीं हो सका है।

शुक्र है बच गए दस हजार

सुरक्षा इंतजामों में कमी के चलते चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में आए दिन चोरी की घटनाएं घट रही हैं। ताजा एग्जाम्पल मंगलवार की रात का है। कौशांबी के रहने वाले समर्पण सामाजिक संस्था के सचिव अविनाश श्रीवास्तव के बेटे को इलाज के लिए हॉस्पिटल के वार्ड सेवेन ए में भर्ती कराया गया था। रात ढाई बजे वह बगल के बेड पर सो रहे थे तभी अचानक उनकी आंख खुल गई। उन्होंने देखा कि सुनसान वार्ड में एक व्यक्ति उनकी पैंट लेकर भाग रहा है। उन्होंने शोर मचाते हुए चोर का पीछा किया। हड़बड़ी में चोर उनका पैंट छोड़कर भाग गया, जिसमें रखे पर्स में दस हजार रुपए थे। अविनाश बताते हैं कि इसकी शिकायत उन्होंने हॉस्पिटल की एचओडी से की थी।

बाहरियों को रोकने वाला कोई नहीं

चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में सिक्योरिटी के नाम पर कुछ नहीं है। खासतौर से रात के समय चोरी का खतरा बढ़ जाता है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। शाम होते ही चोर वार्डो में आसपास चक्कर काटने लगते हैं और मौका मिलते ही कपड़ों, मोबाइल और पैसों पर हाथ साफ कर देते हैं। चोरी की घटनाओं से फिलहाल परिजन डरे हुए हैं। उनका कहना है कि चोरों का हौसला बढ़ा तो वह बच्चे चोरी भी कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो परिजन कहीं के नहीं रहेंगे।

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पीछे की बाउंड्री से करते हैं प्रवेश

चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले अक्सर पीछे की बाउंड्री से हॉस्पिटल में प्रवेश करते हैं। पकड़े जाने के डर से यही से फरार भी हो जाते हैं। बता दें कि चिल्ड्रेन हॉस्पिटल बच्चों के इलाज के लिए मंडल का एकमात्र रेफरल हॉस्पिटल है। यहां जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, भदोही, बांदा आदि जिलों से आए बच्चों को भर्ती कराया जाता है। लगभग 120 बेड का यह हॉस्पिटल गर्मियों में पूरी तरह मरीजों से भरा रहता है। इसलिए इस सीजन में चोरी की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं।

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

सोर्सेज बताते हैं कि कुछ समय पहले हॉस्पिटल में बच्चा चोरी का प्रयास हो चुका है। अराजकता के हाल यह हैं कि बिना किसी वैधानिक स्वीकृति के हॉस्पिटल कैंपस में साइकिल स्टैंड चलाया जा रहा है। यहां पर वाहन सवारों से मनमानी पैसा वसूला जाता है। इस स्टैंड पर अक्सर अराजकतत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। सबकुछ जाते हुए भी स्टैंड संचालक से कोई पूछताछ नहीं हो रही है।

Posted By: Inextlive