बेसिक प्राइमरी स्कूलों में बढ़ी बीते तीन सालों स्टूडेंट्स की संख्या

टीचिंग मैथेड बदलने के कारण हो पा रहे है सकारात्मक परिवर्तन

बच्चों को थ्योरी के साथ साथ दी जा रही है प्रैक्टिकल नॉलेज

Meerut। प्राइमरी एजुकेशन में बदलाव लाने से यकीनन बेसिक शिक्षा की तस्वीर बदल सकती है। यह बात सीसीएसयू में आयोजित न्यास के ज्ञानोत्सव में स्कूलों की प्रदर्शनी में सामने आई। बच्चों को ऐसा प्लेटफॉर्म मिल रहा है कि जहां उनके महज किताबी ज्ञान नहीं बल्कि प्रैक्टिकल नॉलेज दी जाती है।

बढ़ गई है बच्चों की संख्या

शिक्षा के इस नए तरीके को जब इन बेसिक स्कूलों ने अपनाया तो बच्चों की संख्या चार गुना हो गई। स्कूलों के मुताबिक अगर रोजगार परक शिक्षा पर ध्यान दिया जाए तो यकीनन आंकड़ा बढ़ेगा। पाबला के रजपुरा पूर्व माध्यमिक विद्यालय की श्ििक्षका माला ने बताया कि चार साल पहले उन्होनें स्कूल में नए तरीके से पढ़ाना शुरु किया था। उस समय उनके यहां 40 ही स्टूडेंट थे आज 160 हो गए है। पाबला पूर्व माध्यमिक विद्यालय की यूपीएस रेखा ने बताया उनके स्कूल में तीन साल पहले केवल 39 बच्चे थे अब 172 है, बागपत की पूर्व माध्यमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका शालू ने बताया कि तीन साल पहले जब उनकी शुरुआत हुई थी तो 70 करीब बच्चें थे अब 125 हो गए है। बागपत स्कूल की रेनू ने बताया कि उनके यहां 179 से 290 स्टूडेंट हो गए है। प्राथमिक विद्यालय रजपुरा की प्रधानध्यापक पुष्पा ने बताया कि उनके यहां 2013 से शुरुआत की थी तक 40 बच्चे थे अब 168 हो गए है।

दे रहे प्रैक्टिकल नॉलेज

रजपुरा ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका माला ने बताया कि उनके स्कूल में शॉर्ट स्टोरी सुनाकर बच्चों को ज्ञान देते हैं बच्चों को पार्टिसिपेट कराया जाता है.पाबला पूर्व माध्यमिक विद्यालय की यूपीएस रेखा ने बताया कि उनके स्कूल में मॉडल्स बनाकर एजुकेशन दी जाती है। बागपत के स्कूल की सहायक अध्यापिका शालू ने बताया क प्रोफेशनल लर्निग के जरिए वो बच्चों की रूचि बढ़ा रहे है, इससे उनको जल्दी आ रहा है। प्राथमिक विद्यालय रजपुरा की पुष्पा ने बताया कि वो पोयम को चित्रों के माध्यम से समझाती है, स्कूल में बच्चों की तैयार लाइब्रेरी है, और पपेट के जरिए व रोल मॉडल बनाकर बच्चों को विषयों के बारे में समझाया जाता है।

प्राइवेट स्कूलों से भी पहुंच रहें

इन स्कूलों की एजुकेशन से स्टूडेंट्स व पेरेंट्स प्रभावित हो रहे है कि प्राइवेट स्कूलों के बच्चें भी इन सरकारी स्कूलों में पहुंच रहे है। रजपुरा के प्राथमिक स्कूल की पुष्पा ने बताया कि उनके यहां 30 बच्चे प्राइवेट स्कूल से एक साल में आए है, बागपत पूर्व माध्यमिक विद्यालय की रेखा ने बताया कि उनके स्कूल में हर साल 20 से 40 बच्चें प्राइवेट से आ रहे है। पाबला पूर्व माध्यमिक विद्यालय की टीचर रेखा ने बताया कि उनके यहां इस साल 20 बच्चें ऐसे आए है जो प्राइवेट स्कूल छोड़कर आए है। क्योकि प्राइवेट स्कूलों में फीस अधिक होती है और इतनी नॉलेज नहीं मिल पा रही है।

Posted By: Inextlive