- पकड़े बच्चों के पेरेंट्स को दिए जा रहे थे 5 से 7 हजार रुपए

- देश के विभिन्न राज्यों के स्लम एरिया के बच्चों को जाता है टारगेट

- एनजीओ संचालक, बच्चों और उनके पेरेंट्स ने अभी तक साध रखी है चुप्पी

- एनजीओ संचालक से मांगी पांच सालों की आईटीआर और रजिस्ट्रेशन के डॉक्युमेंट्स

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Meerut : रुपयों का लालच देकर व्यस्क लोगों को धर्म परिवर्तन कराने के मामले कई बार सामने आ चुके हैं। इस बार निशाना बच्चों का बनाया जा रहा था। बच्चों के पेरेंट्स को हर महीने हजारों रुपए देकर उनके बच्चों को धर्म परिवर्तन आग में झोकने का गैर कानूनी काम किया जा रहा था। हाल में शास्त्री नगर में पकड़े गए बच्चों के मामले अभी तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। वैसे एनजीओ संचालक, बच्चे और उनके पेरेंट्स इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। पड़ताल में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि सभी बच्चे स्लम एरिया के थे।

दिए जा रहे थे 5 से 7 हजार रुपए

पड़ताल में मिली जानकारी के अनुसार एनजीओ संचालक बच्चों को रखने को अपने पास रखने और उन्हें धर्म के नाम पर बरगलाने के लिए 5 से 7 हजार रुपए दे रहा था। हर महीने ये रुपए कैश में भेजे जा रहे थे। ये कैश शहर में बैठा एनजीओ संचालक का एजेंट पहुंचाता था। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया को पूरी तरह से गुप्त तरीके से किया जाता था।

स्लम एरिया के हैं ये बच्चे

जांच में जुटे एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि ये सभी बच्चे स्लम एरिया के हैं। धर्म परिवर्तन के लिए ऐसे इलाकों के लोगों को ही टारगेट किया जाता हैं जिन्हें रुपयों की जरुरत हो। साथ ही दो या उससे अधिक बच्चे हों। ताकि पेरेंट्स अपने एक या दो बच्चों के भेजने में कोई दिक्कत महसूस न हो। इसकी एवज में रुपए भेजने के साथ बच्चों के पेरेंट्स की नौकरी की भी व्यवस्था की जाती है।

साध रखी है चुप्पी

इस मामले में एनजीओ संचालक, बच्चे और पेरेंट्स ने पूरी तरह से चुप्पी साधी हुई है। अधिकारियों ने बताया अभी तक बच्चों की तीन बार और उनके पेरेंट्स की दो काउंसलिंग की जा चुकी है, लेकिन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अधिकारियों के अनुसार हम बार-बार बच्चों और उनके पेरेंट्स संपर्क बनाए हुए हैं। ताकि इस मामले में कोई ठोस बयान मिल सके।

मांगे गए डॉक्युमेंट्स

अब इस मामले में एनजीओ संचालक से अधिकारियों ने पांच साल की इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी मांगी है। साथ ही एनजीओ रजिस्ट्रेशन की ओर से जुड़े डॉक्युमेंट मांगे है। वहीं एनजीओ संचालक को दिए गए गार्जियन के लेटर भी मांगे है। अधिकारियों ने भी बताया कि सभी बच्चों की मेडिकल रिपोर्ट आ गई है। बच्चों का एचआईवी टेस्ट भी कराया गया था। जोकि सब ओके है। साथ ही सेक्सुअल एब्यूज की बात सामने नहीं आई है।

ये है मामला

30 दिसंबर को शास्त्रीनगर एफ ब्लॉक स्थित इमैनुअल चैरिटी सेवा गु्रप चाइल्ड होम से करीब 23 बच्चों को रेस्क्यू कराया गया था। जिन्हें बाल गृह में रखा गया था। अधिकारियों की मानें तो करीब 50 फीसदी बच्चों को उनके पेरेंट्स को सौंप दिया गया है। वहीं बाकी पेरेंट्स से बातचीत भी जा रही है। प्रशासन और पुलिस की ओर से अभी तक ऐसी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है जिससे इस पूरे रैकेट का खुलासा हो सके।

संस्था से रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज तलब किए गए हैं। बच्चों का मेडिकल कराया गया है, उसमें सेक्सुअल एब्यूज का मामला निकलकर नहीं आया है। दस्तावेज न सौंपने पर कार्यवाही को अमल में लाया जाएगा।

-पुष्पेंद्र सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी

Posted By: Inextlive