नेशनल हेल्थ मेंटल प्रोग्राम के तहत स्कूलों में चलेगा अभियान

टीचर्स के लिए भी स्कूलों में चलेंगे काउंसलिंग सेशन

बच्चों के कुम्हलाते मन को सींचने का प्रयास करेंगे डॉक्टर्स

Meerut। भारी स्कूल बैग और किताबों के बोझ से दबे बच्चों की बिगड़ती मानसिक सेहत के रखरखाव का बीड़ा अब स्वास्थ्य विभाग उठाएगा। इसके तहत नेशनल हेल्थ मेंटल प्रोग्राम के तहत विभाग स्कूल्स में बच्चों के मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए अभियान चलाएगा। इसके मद्देनजर मनोचिकित्सक बच्चों के कुम्हलाते मन को सींचने का प्रयास करेंगे। वही टीचर्स के लिए भी स्कूलों में काउंसलिंग सेशन चलेंगे।

समस्याओं का होगा समाधान

बदलती जीवन शैली और न्यूक्लियर फैमिली के चलते बच्चों के मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते बच्चों का मेंटल डेवलपमेंट नहीं हो पाता है। इस समस्या को दूर करने व इनके कारणों को समझने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम और साइकेट्रिस्ट और काउंसलर्स स्कूलों में पहुंचकर बच्चों से मन की बात करेंगे। बच्चों में बढ़ती अपराधिक प्रवृति के कारणों को पहचान कर टीम इन्हें दूर करने का प्रयास करेगी। इसके अलावा टीचर्स में डिप्रेशन व तनाव जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए भी स्कूलों में वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। वहीं बच्चों और टीचर्स को मोटीवेट करने के लिए स्पेशल सेशन भी चलाए जाएंगे।

मेंटल हेल्थ हाेगी इंप्रूव

स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह कैंप सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे और टीचर्स में बेहतर मेंटल हेल्थ प्रोवाइड कराना है ताकि टीचर्स और स्टूडेंट्स को एक दूसरे की साइकॉलोजी समझने में मदद मिले और स्टूडेंट्स का बेहतर डेवलपमेंट हो सके। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से पहले प्राइवेट उसके बाद सरकारी स्कूलों में यह अभियान चलाया जाएगा।

पढ़ाई के बोझ से बच्चे पूरी तरह से दब जाते हैं, जिसका सीधा असर उनके मस्तिष्क पर पड़ता है। ऐसे में बच्चों के साथ ही टीचर्स को भी काउंसलिंग की बेहद जरूरत होती है। इस काउसंलिंग सेशन से तनाव दूर करने में मदद मिलेगी। वहीं बच्चों और टीचर्स की समस्याओं को भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इस अभियान को जल्द ही शुरु किया जाएगा।

डॉ। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ

Posted By: Inextlive