भारत और चीन के बीच सीमा पर बढ़ते विवाद को देखते हुए भारत में मौजूद चीनी राजदूत ने कहा दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं है। हमें बातचीत से इसका हल निकालना चाहिए।

नई दिल्ली (एएनआई)। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गतिरोध के बीच, भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदोंग ने बुधवार को कहा कि वे एक-दूसरे के लिए कोई खतरा नहीं रखते हैं और अपने मतभेदों को समय रहते सुलझा लेना चाहिए। हमें द्विपक्षीय संबंधों को बिगाडऩे से बचना चाहिए। दूत ने कहा कि चीन और भारत परस्पर अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने रणनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाने का भी आह्वान किया। सुन कहते हैं, "हमें अपने संबंधों में कभी भी मतभेद नहीं होने देना चाहिए। हमें आपसी बातचीत करते हुए मतभेदों को हल करना चाहिए।'

हमें निभाना चाहिए पड़ोसी धर्म

कॉन्फेडरेशन ऑफ यंग लीडर्स द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन अनुसंधान और विकास में "महान प्रगति" की है और विकसित होने पर, यह विकासशील देशों के लिए सुलभ होगा। उन्होंने कहा कि चीन ने कोरोना वायरस के संबंध में कुछ भी छुपाया नहीं है। सुन ने कहा कि किसी भी दृष्टिकोण से, "चीन और भारत को सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व का अच्छा पड़ोसी होना चाहिए और अच्छे सहयोगियों को हाथ से आगे बढऩा चाहिए।" राजदूत ने आगे कहा, 'हमें मूल निर्णय का पालन करना चाहिए कि चीन और भारत एक-दूसरे के अवसर हैं और एक-दूसरे के लिए कोई खतरा नहीं है। हमें एक-दूसरे के विकास को सही तरीके से देखने और रणनीतिक पारस्परिक विश्वास को बढ़ाने की आवश्यकता है। हमें अपने मतभेदों को सही ढंग से देखना चाहिए।'

राजदूत की टिप्पणी से मामला सुलझ सकता है

सुन ने कहा कि चीन और भारत के लिए 'ड्रैगन और एलीफेंट डांसिंग एक साथ' का अहसास एकमात्र सही विकल्प है, जो दोनों देशों और उनके लोगों के बुनियादी हितों को पूरा करता है। यह टिप्पणी ऐसे समय में हुई है जब पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा तनाव है और स्थिति को परिभाषित करने के प्रयास जारी हैं। सिक्किम में दो देशों की सेनाओं के बीच आमना-सामना भी हुआ। इस टिप्पणी को आने वाले दिनों में तनाव को कम करने के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।

कोरोना जानकारी छुपाने से किया इनकार

इस आरोप के बारे में बात करते हुए कि चीन महामारी की स्थिति को छिपा रहा है और COVID-19 वायरस की उत्पत्ति वुहान लैब से हुई है, चीनी दूत ने कहा कि सभी को 'राजनीतिक वायरस' से अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है जो चीन पर हमला करने का अवसर चाहता है। उन्होंने कहा, 'जैसा कि देश महामारी से लडऩे के लिए एकजुट होते हैं, कई षड्यंत्र सिद्धांत भी दिखाई देते हैं, जैसे कि 'चीन छिपी हुई महामारी की स्थिति' और 'वुहान लैब से उत्पन्न होने वाला वायरस।" हमें अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है कि 'राजनीतिक वायरस' चीन पर हमला करने और निंदा करने के किसी भी अवसर पर कूद रहा है। हमने कुछ भी छुपाया नहीं।'

भारत और चीन की अर्थव्यवस्था जुड़ी

उन्होंने कहा कि दो प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, चीन और भारत को निवेश, उत्पादन क्षमता और अन्य क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करना चाहिए और सामान्य हितों का विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा, "चीन खुद को और भारत को भी विकसित करने की उम्मीद करता है। दोनों देशों को अपने-अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और एक-दूसरे को 'लाइट अप' करना चाहिए।" सुन ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के युवाओं को चीन-भारत संबंधों के विकास के महत्व का एहसास होगा और दो देशों के दो नेताओं द्वारा पहुंची गई महत्वपूर्ण सहमति की गहरी समझ होगी। उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि चीन और भारत के युवा चीन-भारत मित्रता और द्विपक्षीय संबंधों के विकास को बढ़ावा देने के लिए अधिक ज्ञान और ताकत का योगदान करेंगे।'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari