द्वितीय विश्‍व युद्ध समाप्‍ति की 70वीं वर्षगांठ पर चीन एक विशाल सैन्‍य परेड को आयोजित कर रहा है। जिसमें चीनी सेना वायु शक्‍ित का भी प्रदर्शन करेगी। ऐसे में आसमान में होने वाली किसी भी अड़चन को हटाने की जिम्‍मेदारी चील की होगी।

चील और बंदर का यह होगा काम
सैन्य परेड से पहले और उसके दौरान किसी तरह की अव्यवस्था या असुरक्षा जैसी स्थिति न हो। इससे बचने के लिए चीन ने बंदरों और चीलों को जिम्मेदारी सौंपी है। इस परेड से पहले बंदर आसपास क्षेत्र के पेड़ों से पक्षियों के सभी घोंसले हटा देंगे। वहीं चील आसमान में उड़कर दूसरे पक्षियों को घुसने से रोकेंगे। वैसे परेड के इंतजाम को देखते हुए बंदरों और चीलों को परेड के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एयरफोर्स स्टेशन में ही रखा जाएगा। इस संबंध में चीनी अधिकारी वैंग मिंग्झी ने बताया कि, यह क्षेत्र पक्षियों के आने-जाने का केंद्रीय क्षेत्र है। यहां तकरीबन 400 से 500 पक्षी होते हैं, जो उड़ानों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
क्यों ली जा रही मदद
मिलिट्री परेड पर जानवरों के इस्तेमाल पर वैंग मिंग्झी का कहना है कि, 30 मीटर ऊंचे पेड़ों पर चढ़ना बेहद कठिन होता है। वहीं बंदूक से भी कई गोलियां चलाने के बाद एक या दो घोंसले ही हटाए जा सकते हैं। अगर पानी की बौछार करते हैं, तो पानी की बर्बादी होगी। इसके साथ ही वैंग ने कहा कि, प्रत्येक पुलिस ऑफिसर के पास 5-5 बंदर होंगे जो एक ही दिन में 60 घोंसले हटा देंगे। वहीं परेड के दौरान सरकार ने बीजिंग में कबूतर उड़ाने पर भी रोक लगा दी है।

अज्ञात जगह चल रही ट्रेनिंग

गुरुवार को बीजिंग में होने वाली इस परेड में चीन अपनी वायु शक्ित का भी प्रदर्शन करेगा। सेना के अधिकारी की मानें, तो इन बंदरों और चीलों की ट्रेनिंग शुरु हो चुकी है। इन्हें किसी अज्ञात स्थान ले जाकर प्रशिक्षित किया जा रहा है। गौरतलब है कि इस परेड में करीब 30 विदेशी नेता शामिल होंगे और पाकिस्तान सहित 17 देशों की सैनय टुकड़ियां अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगी।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari