लेजर टेक्नोलॉजी ने दुनिया भर में लोगों को कई आर आश्चर्यचकित किया है। अब यह टेक्नोलॉजी अपने सैटेलाइट में लेकर आ रहा है चीन। जिसके द्वारा जमीन और आसमान ही नहीं बल्कि समंदर के भीतर गहराइयों में छिपी पनडुब्बियों को भी वह खोज निकालेगा।

कानपुर। टेक्नोलॉजी की दुनिया में चीन की आंधी थमने का नाम नहीं ले रही है। कभी फेस रिक्नीशन सीसीटीवी कैमरों से वर्ल्ड को चौंकाने वाला चीन अब एक लेजर सैटेलाइट बना रहा है, जिसकी नजरों से बच पाना इस धरती पर तो किसी के लिए भी संभव नहीं है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट बताती है कि चाइना के इस नए सैटेलाइट प्रोजेक्ट का नाम है 'प्रोजेक्ट Guanlan'। चीन का यह खुफिया सैटैलाइट अंतरिक्ष से ही हाई पावर लेजर बीम की मदद से धरती ही नहीं बल्कि दुनिया भर के समंदर में 500 मीटर की गहराई तक मौजूद दुश्मन की पनडुब्बियों को खोज निकालेगा ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें आसानी से नष्ट किया जा सके।

सूरज की रोशनी से करोंड़ो गुना चमकदार होगी यह लेजर बीम
डेलीमेल की रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह लेजर बीम समंदर के पानी को भी ट्रांसपेरेंट बना देगी। यह लेजर बीम सूर्य की तुलना में कई करोंड़ो गुना अधिक चमकदार हो सकती है, जिससे पानी के भीतर आधा किलोमीटर की गहराई पर मौजूद चीजों जैसे पनडुब्बी आदि को यह सैटेलाइट आसानी से पहचान सकता है। इस रिसर्च के पीछे यह सिद्धांत बताया जा रहा है कि सेटेलाइट से निकलने वाली लेजर बीम जब समंदर के भीतर किसी पनडुब्बी से टकराती है तो वह बाउंस बैक होकर वापस जाती है। वापस लौटी उस लेजर बीम को सेंसर रीड करके बता सकते हैं कि पानी के भीतर किस आकार प्रकार की चीज मौजूद है। हालांकि चीन की इस तकनीक को लेकर कई रिसर्चर्स मानते हैं कि सेटेलाइट से लेजर द्वारा समंदर की गहराइयों की निगरानी कर पाना पूरी तरह संभव है।

लाइट और रडार से मिलकर बनी है यह तकनीक
चाइनीज सेटेलाइट में इस्तेमाल की जाने वाली इस कथित तकनीक को Lidar का नाम दिया गया है और यह शब्द लाइट और रडार से मिलकर बना है। यह तकनीक अल्ट्रावायलेट, इंफ्रारेड लाइट का इस्तेमाल करती है जिससे जमीन या समुंदर के भीतर छिपी किसी भी चीज या पनडुब्बी या ऐसे ही किसी ऑब्जेक्ट को सेटेलाइट से ही आसानी से पहचाना जा सकता है।

मई महीने में लॉन्च हुआ था यह सैटेलाइट
स्पुतनिक न्यूज की रिपोर्ट बताती है कि चीन ने अपना खुफिया सेटेलाइट प्रोजेक्ट 'ग्वानलन' इसी साल मई में लॉन्च किया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक इनके इस खुफिया सेटेलाइट्स में लगे हुए तमाम उपकरण देश की 20 से ज्यादा यूनिवर्सिटी के तमाम शोधकर्ताओं ने मिलकर विकसित किए थे। अब इसी सेटेलाइट के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। जैसे कि इसमें लगी लेजर बीम समंदर के भीतर की गहराई में भी छिपी चीजों को आसानी से खोज सकती है। डेलीमेल ने बताया है कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े चाइनीज शोधकर्ता Song Xiaoquan के मुताबिक यह लेजर बीम समंदर की ऊपरी परत को कुछ हद तक पारदर्शी बना देगी। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के द्वारा चीन अपने सर्विलांस सिस्टम को और भी ज्यादा दमदार बनाना चाहता है। डॉक्टर शेकुवान के मुताबिक उन्हें अभी यह नहीं पता है कि यह लेजर सैटेलाइट पूरी तरह से कब तैयार होगा लेकिन उनका कहना है कि यह सब कुछ बदल कर रख देगा।

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Posted By: Chandramohan Mishra