भारत सरकार पिछले काफी वक्‍त से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के आका सय्यद सलाऊद्दीन को सयुंक्‍त राष्‍ट्र द्वारा प्रतिबंधित लोगों की श्रेणी में डलवाना चाहती है. लेकिन अब चीन ने भारत की इन कोशिशों पर पानी फेर दिया है.


भारत के सामने आया चीनअभी कुछ ही दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा की परवाह किए बिना चीन ने हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सय्यद सलाहुद्दीन पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगवाने की कोशिशों पर पानी फेर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने धमकी दी है कि अगर भारत हिजबुल प्रमुख को प्रतिबंधित सूची में डलवाने की कोशिश करेगा तो वह इस मामले में तकनीकी पेच डाल देगा. चीन के पास है वीटो पावर


संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य होने के नाते चीन के पास वीटो की शक्ति है और पूर्व में भी वह इसका इस्तेमाल कर पहले भी भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कदमों के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुका है. इस मामले पर टिप्पणी करते हुए ब्रिटेन के अखबार ने लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में चीन यात्रा के बावजूद लगता है दोनों देशों के नेताओं की इस मिलनसारिता को संयुक्त राष्ट्र में सकारात्मक रूप में बदलने में वक्त लगेगा.भारत लड़ रहा है बड़ी लड़ाई

सूत्रों के अनुसार सलाहुद्दीन को प्रतिबंधित लोगों की सूची में डलवाने से पहले, भारत संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 15 सदस्यों की मदद हासिल करने में लगा है. यूएनएससी के प्रस्ताव 1267 के मुताबिक, सलाहुद्दीन की यात्रा पर प्रतिबंध और उसकी संपत्तियों पर रोक के लिए इन सदस्यों की मंजूरी मिलना जरूरी है. हालांकि इस तरह के विरोध के बावजूद चीन अपने फैसले पर दोबारा विचार कर भारत का समर्थन कर सकता है. लेकिन भारत को चिंता है कि चीन के विरोध के चलते सलाहुदीन को प्रतिबंधित लोगों की सूचि में डलवाने की उसकी कोशिशें पटरी से न उतर जाएं.

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Posted By: Prabha Punj Mishra