- तिब्बत को लेकर बदल रही है चीन की सोच

- आयुज्र्ञान न्यास के पाठ्यक्रम का शुभारम्भ करने मेरठ पहुंचे थे दलाईलामा

मेरठ। भारतीय शिक्षा प्रणाली में सार्वभौमिक आचार नैतिकता को बढ़ावा देने के लिये आयुज्र्ञान न्यास द्वारा बने पाठ्यक्रम का शुभारम्भ करने के लिये शास्त्री नगर स्थित सीजेडीएवी पब्लिक स्कूल में 14वें दलाई लामा सोमवार को मेरठ आए थे। यह संस्था कुलभूषण बख्शी द्वारा स्थापित की गई थी।

चारों वेद भेंट किए

कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने दीप प्रज्वलित करके की। प्रधानाचार्या डॉ.अल्पना शर्मा ने नोबेल पुरस्कार विजेता दलाई लामा को तुलसी पौधा, स्मृति चिह्न और चारों वेद भेंटकर उनका स्वागत किया। इस दौरान स्कूल के स्टूडेंट्स ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

नौ स्कूलों को सौंपा पाठ्यक्रम

सार्वभौमिक नैतिक शिक्षा के पाठ्यक्रम के लिये चुने गये मेरठ के सीजेडीएवी स्कूल समेत नौ स्कूलों की प्रधानाचार्यो को उन्होंने पाठ्यक्रम सौपा। कार्यक्रम में डीएम समीर वर्मा, एसएसपी मंजिल सैनी ने सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाला था।

भारतीय सभ्यता से सीखे दुनिया

सीजेडीएवी में मंच से सभा को संबोधित करते हुए दलाई लामा ने कहा कि भारत की सभ्यता से दुनिया सीख लेनी चाहिए। वहीं, भारत में भी जाति प्रथा, दहेज प्रथा आदि को हटाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जरुरत है कि अब हम अपनी सोच को विकसित करें। उन्होंने कहा कि भारतीय नेताओं का रुख उनके प्रति बहुत नरम है। तिब्बती शरणार्थियों को भारत ने शरण दी है।

हिंसा किसने बनाई

धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा कि 21वीं शताब्दी में सोच और विचार बदलने की जरुरत है। यदि मुझे भगवान, जीजस, बुद्धा, पैगंबर, महावीर स्वामी से मीटिंग का मौका मिला तो मै पूछूंगा कि हिंसा किसने बनाई। हिंसा को मिटाना हमारी जिम्मेदारी है।

दोस्त की इच्छा पूरी करने आए

मंच से दलाईलामा ने मेरठ में अपने पुराने दोस्त आर्युज्ञान न्यास के संस्थापक स्व। कुलभूषण बख्शी को याद करते हुए कहा कि मेरठ में आने की सबसे महत्वपूर्ण वजह उनके दोस्त बख्शी का सपना था जिसे पूरा करने के लिए वह मेरठ आए हैं।

बदल रही चीन की सोच

दलाई लामा ने कहा कि तिब्बत को लेकर चीन के लोगों की सोच बदली है। पिछले दिनों चीन के अखबारों में तिब्बत के पक्ष में हजार लेख प्रकाशित हुए जिनके दबाव में तिब्बत के मामले में चीन की सरकार अब अपना रवैया बदल रही है।

बच्चों को विकसित करने की मुहिम

दलाईलामा ने बच्चों को विकसित करने की जरुरत पर जोर देते हुए कहा कि बच्चों में संयम, करुणा, विवेक और उत्तरदायित्व जैसे मानवीय और नैतिक मूल्यों के विकास की जरुरत है। यह शिक्षा बच्चों को स्कूल में अपने शैक्षणिक पाठ्यक्रम के साथ आसानी से मिल सकती है।

कैसा पड़ोसी पसंद करेंगे आप

धर्म गुरु ने कहा कि मेकअप के केवल ऊपरी सुंदरता आती है मन के भीतर संवेदनशीलता, अहिंसा और मुस्कुराहट जैसे गुण विकसित करने से ही असल सुंदरता आती है। यदि आपके पड़ोसी में अमीर आदमी रहता है जो मद्दगार भी नही और हमेशा परेशान रहता है और एक पडोसी ऐसा है जो गरीब है लेकिन हमेशा खुश रहता है मिलनसार मददगार है तो आप कैसा पड़ोसी पसंद करेंगे।

Posted By: Inextlive