थ्री डी प्रिंटर से तैयार स्‍कल और उसपर जुड़ा तीन साल की नन्‍ही सी चीनी बच्‍ची का नाम। हान-हान का नाम। जानकारी है कि हान-हान ऐसी पहली बच्‍ची बन गई है जिसे थ्री डी प्रिंटर से तैयार स्‍कल खोपड़ी लगाया गया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि चीन की इस तीन साल की बच्‍ची ने इतिहास में अपना दर्ज करा लिया है।

ये है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को हुनान प्रांत के सेकेंड पीपुल्स हॉस्पिटल में एक तीन साल की नन्ही सी बच्ची का ऑपरेशन हुआ। बताया जा रहा है कि हान को पैदा होने से ही हाइड्रोसेफ्लस नामक बीमारी थी। इस बीमारी के बारे में बता दें कि इसमें सिर में पानी भर जाता है। इसके साथ ही सिर का आकार सामान्य से चार गुना ज्यादा बढ़ जाता है। इसके चलते तीन साल की उम्र में हान के सिर के लगभग 85% हिस्से में पानी भर गया था।
डॉक्टरों ने जताई थी चिंता
मिली रिपोर्ट के अनुसार बताया गया कि हान के सिर का आकार जरूरत से ज्यादा बड़ा हो जाने के कारण उसकी आंखों की रोशनी भी जा सकती थी। ये भी बताया गया कि हाइड्रोसेफ्लस में दिमाग पर काफी ज्यादा दबाव पड़ने लगता है। इससे और भी कहीं ज्यादा नुकसान हो सकता है। वहीं अब डॉक्टरों का ये कहना है कि उन्हें इस बात की पूरी उम्मींद है कि ऑपरेशन के बाद अब हान पूरी तरह से ठीक हो जाएगी।
दादी ने सुनाई ये कहानी
बताया जा रहा है कि सर्जरी होने से पहले ही हान-हान को कुछ चिकित्सकीय समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। इस कारण से उसका स्कल और भी ज्यादा पतला हो गया और उसमें रक्त संचार भी कम हो गया। वहीं हान-हान की दादी ने इस बात की जानकारी दी कि उनकी बच्ची हमेशा ही दर्द के कारण चीखती रहती थी। उसका दर्द परिवार में किसी से भी देखा नहीं जाता था। उन्होंने बताया कि उसके छह महीने के होने पर इस बीमारी के बारे में पता चला। उसके बाद जब हान-हान एक साल की हुई तो उसकी मां भी खत्म हो गई।

डॉक्टरों ने बताया
इसके अलावा हान-हान के इलाज को लेकर डॉक्टरों ने बताया कि उसके इलाज में 4 से 5 लाख चीनी युआन लगे हैं। इसका मतलब भारतीय करंसी में करीब 40 से 50 लाख भारतीय रुपये हैं। इस पूरी रकम को भरने के लिए घरवालों ने रिश्तेदारों की मदद व ऑनलाइन फंडिंग से पैसे जमा किए। अब बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर कैसे इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर्स ने सीटी स्कैन से हान-हान के सिर के एक-एक इंच का खाका तैयार किया। फिर उन्होंने 3डी प्रिंटर से एक टाइटेनियम स्कल तैयार किया।
ऐसे हुआ ऑपरेशन
इसके बाद उन्होंने हान-हान के मस्तिष्क को ऊपर उठाकर उसका पानी निकाला। उसके बाद अंदर के गल चुके हिस्से को अलग कर उसपर टाइटेनियम स्कल को लगा दिया गया। आखिर में स्कल के बीच में मस्तिष्क को वापस रखा गया। डॉक्टरों ने बताया कि उम्र के साथ-साथ हान के सिर की हडि्डयां भी उसी क्रम में बढ़ने लगेंगी। यह टाइटेनियम के स्कल को पूरी तरह से कवर कर लेंगी। अहतियात के तौर पर डॉक्टर्स ने स्कल के अंदर इतनी जगह छोड़ी है कि मस्तिष्क के विकास में कोई भी बाधा न आए।

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Posted By: Ruchi D Sharma