- अमेरिका से निकलने वाले ई-वेस्ट को रिसाइकिल कर मोबाइल बनाता है चाइना

GORAKHPUR: यदि आप भी चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट यूज करते हैं, खासकर मोबाइल तो सावधान हो जाइए। हां, यह इंडियन प्रॉडक्ट से थोड़ा सस्ता जरूर है लेकिन नुकसान काफी अधिक पहुंचाने वाला है। जी हां, चाइनीज अमेरिका के वेस्ट का इस्तेमाल कर इस तरह के मोबाइल बनाता है और फिर इंडिया में कम दाम में सप्लाई कर देता है। हकीकत में यह प्रॉडक्ट, हाजार्ड केमिकल से लैस, रीसाइकिल्ड वेस्ट है, जो नई पैकिंग में हमें बेच दिया जाता है। यह हमारे स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचा रहा है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से आए ग्रीन केमिस्ट्री नेटवर्क सेंटर के कोऑर्डिनेटर प्रो। आरके शर्मा ने इसका खुलासा किया है।

 

इसलिए मिलता है सस्ता

यूएसए काफी डिजिटली साउंड है। इस वजह से वहां करीब 80 टन से ज्यादा ई-वेस्ट रोजाना निकलता है, जो काफी खतरनाक है। उन वेस्ट में सबसे अधिक 426000 सेल फोन के ई-वेस्ट होते हैं। इन वेस्ट को चाइना कौडि़यों के भाव परचेज करता है और थोड़ा वर्क कर इन्हें अपने लेवल से डेवलप करता है। इन्हें नई डिजाइन में ढालकर अपनी ब्रांड बनाकर सेल कर देता है। लागत बिल्कुल भी कम होने के चलते यह सस्ता तो होता है लेकिन जहां इनकी ड्यूराबिल्टी नहीं रहती वहीं यह अधिक नुकसानदायक भी होता है।

 

अपने देश में भी काफी ई-वेस्ट

अमेरिका की तरह अपने देश में भी ई-वेस्ट निकालने वाले सिटीज की कमी नहीं है। टॉप टू सिटीज की बात करें तो इसमें सबसे ऊपर मुंबई है, तो दूसरे नंबर पर दिल्ली। ई वेस्ट में करीब 1000 से ज्यादा टॉक्सिक सब्सटांस रहते हैं, जो डायरेक्टली ह्यूमन बॉडी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

 

ई वेस्ट के डेंजर एलीमेंट और उनके साइड इफेक्ट्स

लेड - यह बॉडी के सेंट्रल और पेरीफेरल नर्वस सिस्टम को नुकसान करती है। इसकी वजह से हाईब्लड प्रेशर, रिटार्डेशन, किडनी और लीवर डैमेज हो सकता है।

बरिलियम - इसका लांग टर्म एक्सपोजर कैंसर को दावत दे सकता है, स्पेशली लंग कैंसर को। इसके साथ ही इसका ज्यादा एक्सपोजर से कंडीशन घातक हो सकती है। इसे एक्यूट बरिलियम डिजीज कहते हैं।

आर्सेनिक - यह खुले तौर पर काफी तेज जहर है। यह बॉडी के डाइजेस्टिव ट्रैक्ट को काफी डैमेज कर देता है।

मरकरी - यह बॉडी के सेंट्रल नर्वस और एंडोक्राइन सिस्टम को अटैक करता है। यह मुंह, दांत और गम्स के लिए काफी खतरनाक है। इसके साथ ही यह अनबॉर्न फीटस के न्यूरोलॉजिकल डेवलपमेंट के लिए काफी खतरनाक है।

एंटीमनी - आर्सेनिक की तरह यह भी काफी खतरनाक है। इसकी ओवर डोज जानलेवा हो सकती है।

कैडमियम - यह भी पोटेंशियली कैंसरस है। इसका रिपीटेड एक्सपोजर लंग, किडनी और लीवर को डैमेज कर सकता है।

 

 

Posted By: Inextlive