-गाइड ने मणिपुर की बताकर दिलाया था साकेत नगर में फ्लैट

-वीजा की डेट समाप्त होने पर पुलिस को दी सूचना

साकेत नगर कालोनी स्थित अपार्टमेंट में चीन की महिला के होने की सूचना से रविवार को प्रशासन में हड़कम्प मच गया। एक टूरिस्ट गाइड ने उसे मणिपुर की निवासी बताकर अवैध रूप से ठहराया था। महिला पर्यटक लॉकडाउन के दौरान बिना किसी सूचना के 22 मार्च से साकेत नगर कलोनी में रह रही है। वह नेपाल के रास्ते भारत में आयी थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर महिला से पूछताछ एवं कागजातों की जांच पड़ताल की। हालांकि कोरोना के कहर के बीच अमेरिका, इटली, फ्रांस समेत सात देशों के 395 नागरिक इस समय बनारस में रुके हुए हैं।

नहीं लौट पाई चीन

चीन की महिला ने पुलिस को बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन की अचानक घोषणा होने के कारण वह अपने देश नहीं लौट पाई। इसी बीच उसका वीजा समाप्त हो गया है। इस संबंध में उसने फ्लैट के मालिक को सूचना दी थी। वह जनवरी में वाराणसी आई थी और दशाश्वमेध क्षेत्र के एक होटल में ठहरी हुई थी। लॉकडाउन के बाद उसे होटल खाली करने के लिए कहा गया था। इसके बाद एक गाइड की मदद से उसने साकेत नगर के अपार्टमेंट में किराए पर फ्लैट लिया और वहां 22 मार्च से रहने लगी। युवती को समस्या तब हुई जब उसका वीजा रिनुअल कराने का अंतिम महीना आ गया। युवती ने मकान मालिक पर दबाव बनाया तो उसने एलआईयू के दरोगा विनय मोहन को जानकारी दी, जिसके माध्यम से लंका थाने को सूचना मिली।

फ्लैट मालिक पर होगी कार्रवाई

पुलिस ने फोन पर फ्लैट मालिक संभव चतुवेर्दी से बातचीत की तो पता चला कि महिला को मणिपुर की निवासी बताकर एक गाइड ने उसे फ्लैट दिलवाया था। गाइड ने महिला के बारे में बताया था कि वह मणिपुर की रहने वाली है। इस आधार पर उसने महिला को किराए पर फ्लैट दिया था। फ्लैट किराए पर लेते समय मालिक को नहीं बताया गया था कि महिला चीन की रहने वाली है। लंका एसओ भरत भूषण ने बताया कि महिला की कोरोना वायरस संबंधी आवश्यक जांच की प्रक्रिया चल रही है। युवती जिस कमरे में ही रह रही है, वह पूरी तरह सुरक्षित है। मकान मालिक ने लॉकडाउन के दौरान कमरा दिया, जिसकी सूचना भी नही दी थी। एलआईयू की तरफ से सूचना मिली है तो उच्चाधिकारियों के आदेश पर मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

भारत को मान रहे सेफ

कोरोना के कहर के बीच अमेरिका, इटली, फ्रांस समेत सात देशों के 395 नागरिक इस समय बनारस में रुके हुए हैं। इस दौर में उन्हें अपने देश से ज्यादा भारत सुरक्षित लग रहा है। लॉकडाउन की घोषणा के समय वाराणसी में 426 विदेशी नागरिक थे। 31 मार्च को सरकार ने अपने देश वापस जाने वालों की मदद के लिए वेबसाइट बनाई और दूतावास के जरिए यहां रजिस्ट्रेशन करने के लिए बोला। काशी में रहने वाले केवल 31 नागरिकों ने अपने देश जाने की इच्छा जताई और 10 अप्रैल को यहां से लौट चुके हैं। लौटने वालों में

अमेरिका के सात, फ्रांस के आठ, जर्मनी के छह, आस्ट्रेलिया, स्विटजरलैंड, स्वीडन, कनाडा के एक-एक, स्पेन के चार और पोलैंड के दो नागरिकों ने अपने देश लौटने की इच्छा जताई और उन्हें उनके देश भेजा गया।

Posted By: Inextlive