-वेस्ट यूपी, उत्तराखंड के सभी सैन्य और एयरफोर्स स्टेशन को दिया था कोडवर्ड

-मेरठ कैंट को 'छोटी भाभी' तो देहरादून को दिया था 'मामी' नाम

-काली पल्टन मंदिर के पास 'अंजान' से पाक जासूस ने हासिल के किए सेना सुरक्षा संबंधी दस्तावेज

आई इनवेस्टीगेटिव

Meerut : '27 नवंबर को मेरठ कैंट स्थित काली पल्टन मंदिर के समीप सेना सुरक्षा संबंधी दस्तावेज लेने के बाद मुझे दिल्ली रवाना होना था कि इसी बीच मेरठ कैंट स्टेशन की ओर जाते हुए तिराहे पर पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया और वे दस्तावेज भी जब्त कर लिए जो मैं चंद मिनट पहले लेकर आया था.' आईएसआई जासूस इजाज ने पुलिस को दिए इकबालिया बयान में कबूला कि हम मेरठ सैन्य मुख्यालय को 'छोटी भाभी' के नाम से पुकारते थे। देश के सैन्य मुख्यालयों को इसी तरह के अजीबोगरीब कोडवर्ड पाक में बैठे आईएसआई अधिकारी और आका सलीम ने दिए थे।

कहां है वो 'अनजान'

पाकिस्तानी जासूस कई बार मेरठ आ चुका था, मेरठ कैंट जिसे वो 'छोटी भाभी' कहता था, के हर गली-मोहल्ले की उसे जानकारी थी। गिरफ्तारी के दिन भी वो काली पल्टन मंदिर के समीप से किसी अनजान के साथ डील के लिए कहा गया था। करीब डेढ़ बजे दी गई टाइमिंग पर जब वो मंदिर के समीप पहुंचा तो 'अनजान' उसे मिला। एकदूसरे की पहचान होने पर अनजान ने उसे सैन्य सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण और गोपनीय दस्तावेज दे दिए। से सैन्य सुरक्षा संबंधी दस्तावेज लेकर आ रहा था। इस 'अंजान' की पहचान इजाज ने उजागर नहीं की तो वहीं पुलिस का दबाव बनने पर वो यह कहकर टाल गया कि 'हमें सलीम (पाक में बैठे आईएसआई अधिकारी) का निर्देश मिला था कि दोपहर करीब डेढ़ बजे काली पल्टन मंदिर के पास से कुछ दस्तावेज लेने हैं, दस्तावेज देने वाले की पहचान छिपाई गई थी.'

बेवजह लूट रहे वाहवाही

गिरफ्तारी के महज चंद मिनट पहले पाक जासूस इजाज देश में बैठे किसी ऐसे घुसपैठिए से 'बिग डील' करके आया था जो देश का होते हुए भी महत्वपूर्ण और गोपनीय सूचनाओं-दस्तावेजों को लीक कर रहा था। इजाज की गिरफ्तारी को लेकर पीठ थपथपा रही स्पेशल टॉस्क फोर्स को यह समझना चाहिए कि यदि उनके स्रोत इतने ही पुष्ट और प्रमाणित होते तो इजाज के साथ-साथ देश में बैठकर देश के साथ गद्दारी करने वाला भी टीम के हाथ लग गया होता। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इजाज ने इस 'अनजान' का नाम और पहचान नहीं बताई।

'घर का भेदी ही ढा रहा लंका'

बेशक इजाज पुलिस की गिरफ्त में हैं किंतु घर का भेदी वो 'अंजान' अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। उत्तराखंड और वेस्ट यूपी के सभी सैन्य मुख्यालयों पर किसी न किसी 'विभीषण' की वजह से इजाज उन गोपनीय सूचनाओं को आईएसआई को सौंप रहा था जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती हैं। एसटीएफ को भी इस अनजान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि कयास लगाया जा रहा है कि यह कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति है।

कहां से हुई चूक?

आतंकी गतिविधियों के लिए कई बार चर्चा में आ चुके मेरठ में विशेष चौकसी के निर्देश हैं। इसके अलावा मेरठ सैन्य मुख्यालय देश की दूसरी सबसे बड़ी छावनी है। यहां सैन्य क्षेत्र में कदम-कदम पर आर्मी के जवान और आर्मी पुलिस तैनात है। सघन चेकिंग के बाद ही सामान्य का प्रवेश संभव है ऐसे में एक संदिग्ध कई दिन से सैन्य क्षेत्र में चहलकदमी कर रहा था, कहीं न कहीं यह देश की सुरक्षा पर सवालिया निशान है तो वहीं सुरक्षा एजेंसियों के लिए 'बड़ा विषय.' काली पलटन मंदिर के पास हुई डीलिंग सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल रहा है। मंदिर एवं आसपास 24 घंटे सेना के जवान तैनात रहते हैं।

बेशक हमें सूचना कुछ देरी से मिली। आईएसआई एजेंट की सैन्य क्षेत्र में चहलकदमी की सूचना और 'बिग डीलिंग' की जानकारी कुछ समय पहले मिल जाती तो जासूस के साथ-साथ वो व्यक्ति भी पकड़ में आ जाता जिसने इजाज को महत्वपूर्ण सैन्य दस्तावेज दिए थे।

-अनित कुमार, सीओ, एसटीएफ, मेरठ

Posted By: Inextlive