भारत वर्ल्ड टी20 के फ़ाइनल में पहुंचेगा या नहीं यह काफ़ी हद तक क्रिस गेल की बल्लेबाज़ी पर निर्भर करेगा।


टी20 मुक़ाबले में क्रिस गेल का प्रदर्शन भारत के ख़िलाफ़ अमूमन थोड़ा बेहतर हो जाता है। गेल ने अब तक कुल 48 टी20 मुक़ाबले में 1517 रन बनाए हैं, करीब 36।82 की औसत से।भारत के ख़िलाफ़ तीन मैचों में गेल ने 158 रन बनाए हैं, करीब 51।33 की औसत से, यानी भारत के ख़िलाफ़ गेल की बल्लेबाज़ी की औसत बेहतर हो जाती है।इतना ही नहीं भारतीय पिचों पर गेल की बल्लेबाज़ी का रिकॉर्ड और भी बेहतर दिखता है। उन्होंने अब तक भारतीय पिचों पर महज तीन टी20 मैच खेले हैं, इनमें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ नाबाद 100 रन की पारी शामिल है और इन तीन मैचों में उनका औसत है 104 का।


गेल से डरने की एक और वजह ये है कि मुक़ाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में होना है और इसी मैदान पर गेल ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 5 चौके और 11 छक्के सहित 100 रन ठोक दिए थे।वैसे इन सबके बावजूद भारतीय टीम वानखेड़े स्टेडियम में क्रिस गेल पर अंकुश लगा सकती है और यह बिलकुल संभव है।2015 में गेल मुंबई के ख़िलाफ़ 12 गेंद पर 13 रन ही बना पाए और लसिथ मलिंगा ने उन्हें चलता किया।

ज़ाहिर है आईपीएल की जिन चार पारियों में गेल वानखेड़े स्टेडियम में आउट हुए हैं, उनमें तीन बार उन्हें ऑफ़ स्पिनरों ने अपना शिकार बनाया है।ऐसे में टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी निश्चित तौर पर क्रिस गेल के सामने अपने ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन का बेहतर इस्तेमाल करना चाहेंगे।दरअसल, एमएस धोनी क्रिस गेल के ख़िलाफ़ इंटरनेशनल मैचों में भी आर अश्विन का इस्तेमाल करते रहे हैं। टी20 क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग को मिलाकर नौ बार दोनों आमने सामने टकराए हैं और इनमें धोनी ने सात बार नई गेंद की ज़िम्मेदारी अश्विन को थमाई और एक बार पहले बदलाव के तौर पर धोनी ने उन्हें इस्तेमाल किया।जरूरत पड़ने पर टीम के पास सलाह देने के लिए बेंच पर हरभजन सिंह जैसा अनुभवी गेंदबाज़ भी मौजूद है।वैसे क्रिस गेल को आउट करना नामुमकिन भी नहीं है। क्रिस गेल की सबसे बड़ी ख़ासियत उनका ख़तरनाक होना और ज़ोरदार छक्के लगाना भर नहीं है। उनकी सबसे बड़ी ख़ासियत है उनकी कूलनेस।

वे अपनी पारी की शुरुआती गेंदों को बड़े इत्मिनान से खेलते हैं। हालांकि टी20 में इत्मिनान आठ-दस गेंदों तक ही होता है, लेकिन इस दौरान अगर उन पर आक्रामक अंदाज़ में गेंदबाज़ी की जाए तो गेल का अपना खेल प्रभावित होता है।
यानी शुरुआती पारी में तेज गेंदबाज़ी के जरिए भी उन पर अंकुश लगाया जा सकता है, या फिर स्पिनर उनको लगातार लॉफ्ट शाट्स खेलने के लिए ललचाए।यानी गेल की सबसे बड़ी ताक़त, उनके आक्रामक अंदाज़ को उनके ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ये जल्दी करना होगा। नहीं तो एक बार लय में आने के बाद गेल किसी के वश में नहीं होते हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh