चीन अमेरिका के खिलाफ गुपचुप तरह से एक शीत युद्ध कर रहा है। यह बात सीआईए के एक बड़े एक्सपर्ट ने कही है।

अस्पेन (एपी)। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के एक बड़े विशेषज्ञ का कहना कि चीन अमेरिका के खिलाफ गुपचुप तरीके का एक शीत युद्ध  जैसा चाल चल रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को दुनिया में लीडिंग पॉवर के पद से हटाने के लिए चीन अपने सभी संसाधानों का दम खम से इस्तेमाल कर रहा है। विशेषज्ञ ने बताया कि वास्तव में बीजिंग युद्ध नहीं करना चाहता है लेकिन राष्ट्रपति शी चिनफिंग की कम्युनिस्ट सरकार अमेरिका को कमजोर करने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रही है जो रूस के प्रचारित गतिविधियों से अलग हैं।
 
व्यवसाय रहस्यों और विवरणों को चुराने के चीन के प्रयासों पर चिंता

पूर्वी एशिया मिशन सेंटर के उप सहायक और सीआईए के पूर्व निदेशक माइकल कॉलिन्स ने शुक्रवार को कहा, 'मैं तर्क दूंगा... कि वे हमारे खिलाफ मूल रूप से एक शीत युद्ध कर रहे हैं, ये शीत युद्ध वैसा नहीं है, जैसा कि हमने अमेरिका और सोवियत संघ के बीच होते हुए देखा है लेकिन इसे एक गुपचुप तरीके का शीत युद्ध ही कह सकते हैं।' उन्होंने कहा कि अमेरिका में उच्च तकनीक अनुसंधान के बारे में व्यवसाय रहस्यों और विवरणों को चुराने के चीन के व्यापक प्रयासों पर चिंता है। चीनी सेना का विस्तार और आधुनिकीकरण किया जा रहा है, इसके साथ ही साथ अमेरिका समेत कई अन्य देशों ने चीन के दक्षिण चीन सागर में द्वीपों पर सैन्यकरण करने की शिकायत की है, जो एक तरह से सदेहास्पद है।

यह पूर्व का क्राइमा है

इसके बाद कॉलिन्स ने यूक्रेन के क्रिमियन प्रायद्वीप पर हुए रूस के ब्रश सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि वो इस बात का तर्क भी देंगे कि यह पूर्व का एक क्राइमा है, जिसे हमें समझने की जरूरत है।' बता दे कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ विवाद को लेकर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिका ने कुछ दिनों पहले चीन से 200 अरब डॉलर की वस्तुओं के आयात पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि इससे पहले वह चीन से 34 अरब डॉलर की वस्तुओं के आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा चुका था।
शुल्क बढ़ाने पर विवाद
अमेरिका ने यह शुल्क उस जवाबी कार्रवाई के रूप में लगाया था, जिसमें चीन ने अमेरिका से निर्यात किए जाने वाले 34 अरब डॉलर की वस्तुओं पर भारी शुल्क लागू किया था। इसके अलावा 16 अरब डॉलर के अतिरिक्त अमेरिकी वस्तुओं पर जरूरत से ज्यादा शुल्क लगाने की धमकी दी थी। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के स नीति को अन्यायपूर्ण करार दिया था।

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Posted By: Mukul Kumar