RANCHI: राज्य में बढ़ते अपराध व केस के बेहतर अनुसंधान नहीं होने से अपराधियों के कोर्ट से छूटने, बेल मिलने या निर्दोष के जेल चले जाने के मामलों में झारखंड पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। जी हां, झारखंड पुलिस के अपराध अनुसंधान विभाग(सीआईडी) ने मुजरिमों से सख्ती से निबटने के लिए रांची अनुसंधान प्रशिक्षण केंद्र खोला है, जहां राज्य के विभिन्न जिलों में पदस्थापित एएसआई स्तर के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ये वैसे अधिकारी होंगे, जो पुलिस में सिपाही से जमादार बने हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में किसी केस का अनुसंधान पूरी तरह से नहीं कर पाते हैैं। इन्हें सीआईडी के एक्सपर्ट द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले दिन ख्भ् एएसआई ने अनुसंधान की ट्रेनिंग ली। प्रशिक्षण सात दिनों तक चलेगा।

केस को मिलेगी सही दिशा

सोमवार को कचहरी चौक स्थित पुराने एसएसपी ऑफिस में ट्रेनिंग का शुभारंभ अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय में एडीजी अजय कुमार सिंह ने किया। मौके पर उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से अपराध की जांच को सही दिशा देने में सहयोग मिलेगा। प्रशिक्षण का आयोजन इसलिए किया जा रहा है, ताकि एएसआई(जमादार) पूरी तरह से अनुसंधान में एक्सपर्ट हो सकें। इसमें राज्य भर के एएसआई शामिल होंगे। इनलोगों को सीआईडी के एक्सपर्ट द्वारा अनुसंधान के तरीके, विषयों आदि पर विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। मौके पर सीआईडी आईजी संपत मीणा, एसपी जया रॉय समेत कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

ये होंगे फायदे

-कमजोर अनुसंधान के कारण जेल से नहीं छूट पाएंगे अपराधी

-कोल्ड मर्डर जैसे अपराध को चुटकियों में हल करना होगा आसान

-ट्रेंड एएसआई अधिकारियों की करेंगे मदद

-एक्सपर्ट एएसआई की प्रमोशन का रास्ता होगा साफ

Posted By: Inextlive