सर्किल दरों को लेकर असमंजस में लोग
- एक अगस्त तक होने होते हैं सर्किल दरें लागू
- अभी तक नहीं मांगी जा सकी हैं आपत्तियां आगरा। इस साल सर्किल दरों की क्या स्थिति रहेगी, इसे लेकर बिल्डरों से लेकर आमजन असमंजस की स्थिति में हैं। जुलाई माह में आपत्तियां मांगी जाती थीं, उसके बाद उनपर विचार किया जाता था, इसके बाद ही सर्किल दरें लागू की जाती थीं, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हो सका है। हर व्यक्ति कयास लगाने में लगा है कि इस साल सर्किल दरें लागू होंगी भी कि नहीं। एक अगस्त को होती है लागूअक्सर अगस्त माह में सर्किल दरें लागू कर दीं जाती हैं। इससे पहले जुलाई माह में सभी तहसीलों में सर्वे कराया जाता है। सर्वे के आधार पर तय किया जाता है कि कहां पर कितनी सर्किल दरें बढ़ाई जा सकती हैं और कहां पर कम और कुछ भी नहीं, इस सभी विषयों पर तहसील से सर्वे रिपोर्ट मांगी जाती है। इसके बाद प्रस्तावित सर्किल दरें लागू कर दीं जाती हैं, जिनपर आपत्तियां मांगी जाती हैं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आपत्तियों का निस्तारण किया जाता है, इसके बाद सर्किल दरें लागू की जाती हैं। लेकिन अभी तक सर्किल दरों को लेकर क्या चल रहा है, इसके संबंध में कोई अधिकारी बोलने को नहीं है तैयार।
सर्किल दरें बढ़ाना नहीं है आसान आगरा में सर्किल दरें बढ़ाने से पहले कई विषयों पर जिला प्रशासन चिंतन और मनन करेगा। सर्किल दरें बढ़ाना प्रशासन के लिए आसान नहीं लग रहा है। सरकारी योजनाओं के लिए जमीन भूमि अधिग्रहण करना है। इनररिंग रोड, सिविल टर्मिनल के लिए अधिकांश जमीन ली जा चुकी है। लेकिन अभी मेट्रो के लिए अधिग्रहण नहीं हो सका है। मेट्रो वीआईपी क्षेत्रों गुजरेगी। इसके लिए सर्वाधिक जमीन स्टेशनों के लिए चाहिए। ये विषय में कहीं न कहीं जिला प्रशासन के संज्ञान में होगा। ये भी है कारण रजिस्ट्रियों में जितनी पारदर्शिता आई है, उससे और रीयल एस्टेट में आई मंडी के बाद से जमीन का कारोबार लगभग खत्म हो चुका है। जो तीन साल पहले राजस्व मिलता था, अब उसका आधा भी नहीं मिल पा रहा है। कहीं न कहीं यह विषय भी जिला प्रशासन के संज्ञान में है। इस संबंध में एआईजी स्टाम्प जेपी सिंह बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।