Allahabad : इंडिया के यूथ आइकॉन स्वामी विवेकानंद की तरह इनका भी इरादा बेहद मजबूत है. तकदीर बदलने की जिद है. शुरुआती प्रयास रंग लाने लगे हैं और इसका असर भी दिखने लगा है. स्वामी विवेकानंद को च्जीरो' ने च्हीरो' बनाया था. अलग बात है कि यह उनका यह प्रयास खुद के लिए ज्यादा है. सफल रहे तो आगे वालों के लिए प्रेरणा बनेंगे...


जिद से जीता दुनिया का दिल'जीरो' ने इंडियन यूथ आइकॅन स्वामी विवेकानंद को देश का हीरो बनाया था। उन्होंने जीरो की ताकत का एहसास पूरी दुनिया को कराया था। इसी जीरो से शुरुआत करने वाले 28 साल के इलाहाबादी हसन रिजवी पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा रहे हैं। जादूगरी कला के जरिए भविष्य में आगे बदम बढ़ा रहे हसन का नाम वर्तमान समय में दुनिया के टॉप टेन जादूगरों की सूची में शामिल हो चुका है। उनकी कोशिश है कि इस कला के बारे में पूरी दुनिया जाने और इससे जुड़े लोगों की कद्र करे। उन्हें भी सोसाइटी में सम्मान मिले। फिलहाल वह देश के लोगों पर छा जाने को आतुर हैं। उन्हें कलर्स के चर्चित शो इंडिया गॉट टैलेंट में परफॉर्म करने के लिए सेलेक्ट कर लिया गया है। उनका शो संडे को लाइव होगा।140 के बीच हुआ कड़ा मुकाबला
दरियाबाद एरिया के रहने वाले हसन रिजवी को जादूगरी कला के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। 2011 में उन्हें पेरिस में बेस्ट मैजीशियन ऑफ द इयर अवार्ड मिल चुका है। आई नेक्स्ट से बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले दिनों इंडिया गॉट टैलेंट के लिए ऑडिशन हुआ था। वह जहां इसमें शामिल होने के लिए पहुंचे थे, काम्पिटिशन बेहद टॅफ था। 140 कंटेस्टेंट के बीच मुकाबला होना था। जिद थी के बेहतर करुंगा। मेहनत रंग लाई और उन्हें सेलेक्शन मिल गया। इसे लेकर हसन काफी उत्साहित हैं। वह कहते हैं कि उनकी जादूगरी को जजेज मलाइका अरोड़ा, किरन खेर और करन जौहर ने न केवल सराहा बल्कि उनके साथ डांस भी किया। बताया कि 2009 में दिल्ली और 2012 में हैदराबाद में भी उन्हें फस्र्ट प्राइज मिल चुका है। पांच साल की उम्र से लगे हैं


हसन से जुड़ी एक और दिलचस्प बात है जो शायद ही किसी को पता हो। महज पांच साल की एज से ही उन्हें जादूगरी का चस्का लगा और इसी सनक ने उन्हें दुनिया के टॉप टेन जादूगरों में पहुंचा दिया। 16 साल की एज में पूरी इंडिया में परफॉर्म करके उन्होंने इसे साबित भी कर दिखाया। 28 वर्षीय हसन कहते हैं कि उन्होंने जादूगरी सीखने के लिए कभी किसी गुरु का सहारा नहीं लिया। सेल्फ टैलेंट की बदौलत वह कामयाबी की सीढिय़ां चढ़ते चले गए। उनकी फैमिली में मदर ताज रिजवी और दो भाई-बहन और हैं। फादर अली जैगम रिजवी का इंतकाल हो चुका है। वह अपनी इसी विधा के जरिए फ्यूचर में नाम कमाना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि अमिताभ बच्चन और फस्र्ट प्राइज मिनिस्टर जवाहर लाल नेहरू की तरह वह दुनियाभर में अपने शहर का नाम रौशन करें।विवेकानंद की स्पीच ने किया प्रभावितयूथ आइकॉन स्वामी विवेकानंद से हसन काफी प्रभावित हैं। वह कहते हैं कि वर्ष 1893 में अमेरिका के शिकागों में दी गई उनकी स्पीच में उन्हें बहुत एक्साइटेड करती है। पहली बार जब उन्होंने इसे सुना तो अलग सी इंस्पीरेशन मिली। स्वामी जी के विचारों को वह अपने जीवन में आत्मसात करते हैं। हसन कहते हैं कि युवाओं को नशे की लत से दूर रहकर जीवन में अपने लक्ष्य को निर्धारित करके आगे बढऩा चाहिए। लक्ष्य और रास्ता सही होगा तो मंजिल भी हासिल होगी ही। बचपन से उन्हें जादूगरी की सनक सवार थी और वह कभी भी अपने इस शौक से पीछे नहीं हटे।

Posted By: Inextlive