-नगर निगम और बिजली विभाग में नहीं लगी है राइट टू इंफॉर्मेशन की जानकारी

-सिटीजन चार्टर लागू जैसे कानून के बारे में बताने वाला बोर्ड भी नहीं

-महीनों घुमा रहे हैं बाबू, अफसर भी नहीं सुनते बुजुर्गो की

GORAKHPUR: 'कानून वही है जो हम कहते हैं, कानून कोई सरकार नहीं बनाती है, बल्कि हमारे ही आदेश और नियमों पर ऑफिस चलता है.' कुछ इसी अंदाज में बिजली विभाग और नगर निगम ऑफिसों में पब्लिक के साथ बिहैव किया जा रहा है। दोनों ऑफिसों में न कहीं भी सिटीजन चार्टर कानून का न तो कहीं बोर्ड लगा है और नहीं ही राइट टू इंफॉर्मेशन के लिए कोई अलग से व्यवस्था की गई है। इन आदेशों पर अफसरों द्वारा कुंडली मारकर बैठने के कारण पब्लिक को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कानून की जानकारी वाले बोर्ड न लगे होने का सबसे अधिक फायदा कर्मचारी लेते हैं। एक टेबल से दूसरे टेबल तक फाइल पहुंचाने के लिए अफसर लोगों को घुमाते रहते हैं, लेकिन जानकारी नहीं देते हैं।

नगर निगम में होता है घनचक्कर

जीएमसी के बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट डिपार्टमेंट में हर रोज 500 से अधिक लोग आते हैं। लेकिन यहां तो बहुत बड़ा घनचक्कर नगर निगम ने खड़ा कर दिया है। जिस जगह पर प्रमाण पत्र बनता है, वहां यह भी नहीं लिखा है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग। यहां आम पब्लिक परेशान होकर घूमती है। कर्मचारियों के लिए बनी खिड़की से कर्मचारी अधिकतर गायब रहते हैं। वहीं रेंट डिपार्टमेंट हो या हाउस टैक्स जमा करने वाला काउंटर कहीं भी सिटीजन चार्टर का न तो पालन हो रहा है और न ही महिला काउंटर लिखा गया है। मुख्य कर निरीक्षक अधिकारी रबीस चंद का कहना है कि लगा होना चाहिए, लेकिन क्यों नहीं लगा है, इसकी जानकारी नहीं है। वैसे जो भी लोग आते हैं उनकी भरपूर मदद की जाती है।

बिजली विभाग में कानून का पालन नहीं

शहर में बिजली विभाग के गोरखपुर जोन के मुख्य अभियंता कार्यालय मोहद्दीपुर में है। इसके अलावा जिले के ग्रामीण और शहर सप्लाई का ऑफिस भी है। शहर के मोहद्दीपुर, बक्शीपुर और शास्त्रीचौक तीन जगहों पर बिजली की प्रॉब्लम को लेकर सबसे अधिक पब्लिक आती है। इन जगहों पर न कोई भी कानून की जानकारी वाले बोर्ड नहीं लगे हैं। किसी भी जगह सिटीजन चार्टर या जनहित कानून संबंधित कोई जानकारी नहीं लिखी गई है। पब्लिक परेशान होती है, इस टेबल से उस टेबल तक दौड़ते रहते हैं। फिर भी उनकी कोई जानकारी नहीं मिलती है। एक जेई ने बताया कि सब स्टेशन पर पब्लिक आती है तो लोग जानकारी दे देते हैं लिखे होने से क्या मतलब होता है। बिजली ऑफिस छोडि़ए सिटी के किसी विभाग में कोई जानकारी नहीं लिखी हुई है।

वर्जन

सिटीजन चार्टर का बोर्ड नहीं लगा है, लेकिन कानून का पालन होता है। नहीं लिखा गया होगा तो लिखने का आदेश दे दिया जाएगा।

-आरआर सिंह, एसई महानगर विद्युत वितरण निगम

जिनको समस्या है वह सीधे हमसे आकर मिल सकते हैं। हम डेली 10 बजे से 12 बजे ऑफिस में बैठते हैं पब्लिक सीधे हमसे आकर प्रॉब्लम बता सकती है। कानून का बोर्ड नहीं लगा है इस तरफ कभी ध्यान नहीं गया है।

-राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive