नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में असम में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। ऐसे में गुरुवार सुबह गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं सेना ने शहर में फ्लैग मार्च किया। त्रिपुरा में भी हालात गंभीर है।


गुवाहाटी (पीटीआई)। नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में पूर्वोत्तर हालात गंभीर हैं। असम में तो स्थितियां काफी ज्यादा तनावपूर्ण बनी हैं। गुवाहाटी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। कई जगहों पर सेना के जवान तैनात किए गए हैं। असम राइफल्स के जवानों को बुधवार को त्रिपुरा में तैनात किया गया था क्योंकि यहां पर भी माहाैल काफी खराब है। गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया आज भी ऑल असम स्टूडेंट यूनियन ने गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। कृषक मुक्ति संग्राम समिति ने लोगों से शांतिपूर्ण विरोध के लिए सड़क पर आने की अपील की। कर्फ्यू के बावजूद लोग रात में सड़क निकलने की कोशिश कर रहे हैं। सेना ने गुरुवार सुबह शहर में फ्लैग मार्च किया। कल भारी नाकाबंदी के कारण असम के विभिन्न शहरों में वाहन फंसे हुए थे। भाजपा नेताओं के घरों पर हमला किया गया


विरोध के दाैरान करीब आधा दर्जन वाहन जल गए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भाजपा और एजीपी नेताओं के घरों पर हमला किया गया।असम पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) मुकेश अग्रवाल का कहना है कि कर्फ्यू अगले आदेशों तक लगा रहेगा। हम स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रहे हैं। अब तक स्थिति नियंत्रण में है।

डिब्रूगढ़ में भी अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू आरएसएस के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि डिब्रूगढ़, सादिया और तेजपुर में संगठन के कार्यालय पर हमला किया गया। तेजपुर में भाजपा कार्यालय पर भी हमला किया गया। देर रात डिब्रूगढ़ में भी कर्फ्यू अनिश्चित काल के लिए लगाया गया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली के घरों को निशाना बनाया।हजारों प्रदर्शनकारी असम की सड़क पर उतरे हैंबुधवार को असम की सड़कों पर एक साथ हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे थे।& इस दाैरान उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई।& असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में लोग विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के पारित होने का विरोध कर रहे हैं। यह बिल सोमवार को लोकसभा और बुधवार को राज्यसभा से भी पास हो गया। राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा बिलअब यह विधेयक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न से भाग रहे हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध और जोरास्ट्रियन समुदायों के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रयास किया जा रहा है। विधेयक के तहत नागरिकता प्राप्त करने की कट-ऑफ तारीख 31 दिसंबर, 2014 है।

Posted By: Shweta Mishra