थ्री डी में दिखाएंगे, कितना हुआ गंगा पर काम
- नमामि गंगे के तहत कर्तव्य गंगा के लिए वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर और बिठूर में होगी शूटिंग
- क्लीन गंगा मिशन ने शुरू कराई डॉक्यूमेंट्री शूटिंग, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर जारी होगी रिपोर्ट गंगा की बदहाली पर भले ही केंद्र और प्रदेश सरकारों को घेरा जा रहा हो मगर सरकार का दावा है कि ढाई साल से शुरू हुए नमामि गंगे प्रोजेक्ट के दूरगामी परिणाम दिखेंगे। ढाई साल में प्रोजेक्ट की उपलब्धियों पर राष्ट्रीय क्लीन गंगा मिशन थ्री डी रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट के लिए शूटिंग का काम चार शहरों में जल्द शुरू होने जा रहा है। केदारघाट पर शूटिंगक्लीन गंगा मिशन ने इस प्रोजेक्ट को 'कर्तव्य गंगा' का नाम दिया है। इसके तहत वाराणसी के अलावा इलाहाबाद, कानपुर और बिठूर में गंगा सफाई के लिए किए गए काम, एसटीपी और गंगा के ऐतिहासिक महत्व की शूटिंग की जाएगी। वाराणसी में यह शूटिंग अहिल्याबाई घाट और केदारघाट पर होनी है। इसके अलावा दीनापुर, गोइठहां और रमना एसटीपी और चौकाघाट सीवेज पंपिंग स्टेशन की शूटिंग भी कराई जाएगी।
फिश आई लेंस का होगा इस्तेमालक्लीन गंगा मिशन की तरफ से राजीव रंजन मिश्रा ने अपने पत्र में बताया है कि एमएस प्रोडक्शन प्रा। लि। नामक कंपनी शूटिंग में ड्रोन कैमरे और फिश आई लेंस समेत तमाम अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। थ्री डी वीडियो के जरिए गंगा किनारे के जनजीवन, इसकी ऐतिहासिकता और इसमें आए बदलाव को भी दिखाया जाएगा। यह रिपोर्ट जल्द ही नमामि गंगे की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर भी जारी की जाएगी।
नमामि गंगे अभियान : एक नजर - 1 जनवरी-2016 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की प्रोजेक्ट की घोषणा - 20 हजार करोड़ रुपये के बजट से होनी थी गंगा की सफाई और सीवेज ट्रीटमेंट - बनारस समेत कई महानगरों में जारी है एसटीपी निर्माण - 1000 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय गंगा काउंसिल और क्लीन गंगा मिशन की भी शुरुआत - 2017 में जलीय जीवन पर रिसर्च के लिए शुरू कराया गया गंगा सर्वे आंकड़े - 2525 किमी लंबी गंगा चार राज्यों से होकर गुजरती है - 9 लाख वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है गंगा बेसिन - 1140 किमी की लंबाई में सिर्फ उत्तर प्रदेश में बहती है गंगा - 97 शहरों का सीवर और औद्योगिक कचरा बन रहा गंदगी की वजह - 10 शहर कर रहे सबसे ज्यादा प्रदूषण - 3000 एमएलडी सीवर गंगा में गिर रहा है पूरे प्रदेश से - 1380 एमएलडी सीवेज के ट्रीटमेंट की ही है व्यवस्था- 11 हजार करोड़ की लागत से तैयार हो रहे एसटीपी