-महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ लिखित के साथ मौखिक व प्रायोगिक परीक्षा का टाइम टेबल जारी करेगा

-एक ही सत्र में एक ही विषय की बार-बार मौखिक व प्रैक्टिकल कराने से मिलेगी मुक्ति

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ लिखित के साथ मौखिक व प्रायोगिक परीक्षा का टाइम टेबल जारी करने पर विचार कर रहा है, ताकि परीक्षार्थियों की मौखिक व प्रायोगिक परीक्षा न छूट सके। यदि ऐसा हुआ तो विद्यापीठ को एक ही सत्र में एक ही विषय की बार-बार मौखिक व प्रायोगिक परीक्षा नहीं करानी पड़ेगी। वहीं परीक्षार्थियों को भी अर्थदंड से मुक्ति मिल जाएगी।

स्टूडेंट्स होते हैं परेशान

यूजी व पीजी के विभिन्न कोर्सेज में हर साल चार से पांच हजार परीक्षार्थियों की मौखिक व प्रायोगिक परीक्षा छूट जाती है। हालत यह है कि रेगुलर क्लास करने वाले तमाम छात्रों को भी मौखिक व प्रायोगिक परीक्षा के तिथि की भनक नहीं लग पाती है। बाद में रिजल्ट रूकने पर परीक्षार्थी विश्वविद्यालय की दौड़ लगाना शुरू कर देते हैं। छात्रहित में विद्यापीठ को दोबारा मौखिक व लिखित परीक्षा करानी पड़ती है।

फीस से अधिक अर्थदंड

यूजी व पीजी के तमाम कोर्सो में परीक्षा शुल्क 1000 से लेकर 2000 तक हैं। वहीं मौखिक व प्रायोगिक परीक्षा छूटने पर परीक्षार्थियों को बतौर अर्थदंड दो हजार रुपये जमा करना होता है। ऐसे में परीक्षार्थियों को परीक्षा शुल्क से अधिक अर्थदंड देना पड़ रहा है।

नियुक्त करना होगा परीक्षक

बनारस सहित पांच जिलों में एक साथ मौखिक व प्रायोगिक परीक्षा करना आसान नहीं हैं। इसके लिए परीक्षकों की नियुक्ति भी पहले ही करनी होगी। यूपी बोर्ड के तर्ज पर यदि विश्वविद्यालय पहले परीक्षक नियुक्त कर दे तो लिखित व मौखिक परीक्षा एक साथ करना संभव होगा। यूपी बोर्ड प्रायोगिक व मौखिक परीक्षा दो बार कराती है। इसके बावजूद किसी भी परीक्षार्थी की मौखिक परीक्षा नहीं छूटती है।

Posted By: Inextlive